विशाल झा
गाज़ियाबाद. महाशिवरात्रि को लेकर देश भर में उत्साह है. तमाम शिव मंदिर और शिवालयों को सजाया गया है. भक्तों को महाशिवरात्रि का इंतजार है. उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद स्थित प्राचीन शिव मंदिर दूधेश्वर नाथ में शिवरात्रि के अवसर पर लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है. यहां एक रात पहले से भक्तों की कतार लगनी शुरू हो जाती है जो अगले दिन शाम तक महादेव का जलाभिषेक करते हैं.
दूधेश्वर नाथ मंदिर से कई सारी मान्यताएं जुड़ी हुई है. महाशिवरात्रि पर यह मंदिर दिल्ली-एनसीआर के शिव भक्तों के लिए आस्था का अहम केंद्र बन जाता है. इस मंदिर में शिवरात्रि के एक दिन पहले बाबा दूधेश्वर का विशेष श्रृंगार किया जाता है. इस श्रृंगार में छप्पन भोग शामिल होता है. श्रृंगार का समय काफी सोच समझकर ब्रह्म मुहूर्त को चुना जाता है.
कहते हैं कि इस वक्त की गई पूजा-अर्चना स्वयं भगवान को आकर्षित करती है. जब मंदिर में यह श्रृंगार चल रहा होता है तो आम भक्तों के लिए कपाट बंद कर दिए जाते हैं. मंदिर के महंत के द्वारा जलाभिषेक करने के बाद श्रद्धालुओं को दर्शन के अवसर प्राप्त होते हैं फिर भगवान भोले नाथ की महाआरती की जाती है.
महंत गिरीशनंद गिरी ने न्यूज़ 18 लोकल को बताया कि महाशिवरात्रि से पहले बाबा दूधेश्वर का अभिषेक किया जाता है. छप्पन भोग की इस आरती में भक्त शामिल होते है. यह ब्रह्म मुहूर्त में किया जाता है. दरअसल भगवान को आशुतोष कहा गया है इसलिए उनका श्रृंगार बेलपत्र, धतूरा, पुष्प माला, फल, मिष्ठान से किया जाता है. महाशिवरात्रि के अवसर पर महादेव जागरण का विशेष महत्व है.
हम आपको एक्सक्लूसिव महादेव की ब्रह्म मुहूर्त की आरती दिखा रहे हैं. इस आरती में भगवान को फूलों की माला अर्पित की जाती है. मंदिर परिसर में मौजूद महंत और पंडित शिवालय की शहद से सफाई करते हैं.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Ghaziabad News, Lord Shiva, Mahashivratri, Up news in hindiFIRST PUBLISHED : February 17, 2023, 16:09 IST
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