हाइलाइट्सइस बार महाशिवरात्रि पर सर्वार्थ सिद्धि समेत 5 शुभ संयोग भी बन रहे हैं.महाशिवरात्रि की पूजा के लिए अपने घर पर पारद के शिवलिंग की स्थापना करें.भगवान शिव की पूजा के लिए उनके पंचाक्षरी मंत्र ओम नम: शिवाय का उच्चारण करें.इस साल शिव जी की पूजा का सबसे उत्तम दिन महाशिवरात्रि 8 मार्च शुक्रवार को है. इस बार महाशिवरात्रि पर सर्वार्थ सिद्धि समेत 5 शुभ संयोग भी बन रहे हैं. महाशिवरात्रि के दिन व्रत रखते हैं और शुभ मुहूर्त में भगवान भोलेनाथ की पूजा करते हैं. उस दिन आप सच्चे मन से शिव पूजा करके अपने मनोकामनाओं की पूर्ति कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए आपको जानना होगा कि महाशिवरात्रि पर भोलेनाथ को कैसे प्रसन्न करें? महाशिवरात्रि पर शिव पूजा की विधि क्या है? तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से जानते हैं महाशिवरात्रि की पूजा के नियम के बारे में, जिसका पालन करके आप महादेव और माता पार्वती की कृपा प्राप्त कर सकते हैं.
महाशिवरात्रि 2024 पूजा के नियम
1. महाशिवरात्रि के दिन व्रती को ब्रह्म मुहूर्त में उठकर दैनिक क्रिया से निवृत होकर स्नान और ध्यान करना चाहिए. सूर्य को जल चढ़ाएं और उसके बाद महाशिवरात्रि व्रत और भगवान भोलेनाथ की पूजा का संकल्प करें.
2. महाशिवरात्रि की पूजा के लिए अपने घर पर पारद के शिवलिंग की स्थापना करें या फिर किसी शिव मंदिर में जाकर शिवलिंग की पूजा करें. सबसे पहले शिवजी का गंगाजल और गाय के दूध से अभिषेक करें.
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3. उसके बाद भगवान महादेव को अक्षत्, फूल, बेलपत्र, शक्कर, शमी के पत्ते, धतूरा, भांग, मदार या आक के फूल, बेर, शहद, सफेद चंदन, भस्म आदि अर्पित करें. बेलपत्र का चिकना भाग शिवलिंग से स्पर्श कराएं. घी या तेल का दीपक जलाएं.
4. भगवान शिव की पूजा के लिए उनके पंचाक्षरी मंत्र ओम नम: शिवाय का उच्चारण करें. शिव पंचाक्षर स्तोत्र, शिव चालीसा और महाशिवरात्रि व्रत कथा जरूर पढ़ें. उसके बाद शिव जी की विधि विधान से आरती करें. आरती के अंत में कर्पूरगौरं करुणावतारं मंत्र पढ़ें.
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कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारम्।सदा बसन्तं हृदयारबिन्दे भबं भवानीसहितं नमामि।।
5. शिव पूजा में आपको हल्दी, सिंदूर, नारियल, केतकी के फूल आदि नहीं चढ़ाने हैं और न ही तुलसी और शंख का उपयोग करना है. ये चीजें शिव पूजा में सर्वथा वर्जित मानी गई हैं.
महाशिवरात्रि पूजा में ध्यान देने वाली बातमहाशिवरात्रि की पूजा माता पार्वती की आराधना के बिना अधूरी है. महाशिवरात्रि पर शिव पूजा के साथ ही मां गौरी की भी पूजा करें. भगवान शिव की पूजा के बाद माता पार्वती को सिंदूर, लाल फूल, अक्षत्, हल्दी, रोली, फल, श्रृंगार की सामग्री, चुनरी आदि अर्पित करें. गणेश जी और नंदी को भी अक्षत्, हल्दी, चंदन, फूल, धूप, दीप, गंध, फल, मिठाई आदि चढ़ाएं.
शिव पूजा के बाद भगवान भोलेनाथ को ध्यान करके अपनी मनोकामना व्यक्त कर दें. उनसे इच्छापूर्ति और कष्टों से मुक्ति के लिए आशीर्वाद लें.
.Tags: Dharma Aastha, Lord Shiva, MahashivratriFIRST PUBLISHED : March 1, 2024, 10:06 IST
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