महराजगंज: महराजगंज जिले के बरोहिया ढाला में हर साल की तरह इस वर्ष भी भव्य झांकी समारोह का आयोजन किया गया. यह कार्यक्रम दिवाली के एक दिन पहले से शुरू होता है और दिवाली के बाद इसके समापन तक चलता है. इस आयोजन की परंपरा 70 के दशक से चली आ रही है, जो स्थानीय लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक घटना बन गई है. स्थानीय श्रद्धालुओं की भारी संख्या इस झांकी में भाग लेने के लिए इकट्ठा होती है, जो इस आयोजन की लोकप्रियता और इसकी धार्मिक महत्वता को दर्शाता है. बरोहिया ढाला में आयोजित होने वाली यह झांकी न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह क्षेत्र की सांस्कृतिक धरोहर को भी जीवित रखती है.
युवाओं की भागीदारी बढ़ा रही धार्मिक परंपरा
इस समारोह का आयोजन करने वाली संस्था श्री श्री 108 श्री महालक्ष्मी पूजा नवयुवक समिति ने इस कार्यक्रम को सफल बनाने में युवाओं की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया है. समिति के संरक्षक अजय जायसवाल ने बातचीत में कहा कि यह आयोजन एक लंबे समय से हो रहा है और वर्तमान समय में इसमें युवाओं का पूरा सहयोग रहता है. युवा पीढ़ी इस परंपरा को आगे बढ़ाने में सक्रिय रूप से शामिल हो रही है, जिससे यह समारोह और भी भव्य और आकर्षक बनता जा रहा है. अजय जायसवाल ने कहा कि यह केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं है यह हमारी सामुदायिक भावना को भी मजबूत करता है. हम सभी मिलकर इसे सफल बनाते हैं और आने वाली पीढ़ियों के लिए इसे संरक्षित रखना चाहते हैं.
धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को दर्शाता है ये आयोजन
बरोहिया ढाला की झांकी स्थानीय लोगों के लिए केवल एक धार्मिक कार्यक्रम नहीं है, बल्कि यह उनके सामाजिक जीवन का भी अभिन्न हिस्सा बन चुकी है. हर साल इस झांकी में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती जा रही है, जो इस बात का संकेत है कि लोग अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जुड़े रहना चाहते हैं. इस झांकी में विभिन्न प्रकार की धार्मिक गतिविधियाँ आयोजित की जाती हैं, जिसमें भजन-कीर्तन, देवी-देवताओं की पूजा, और सांस्कृतिक कार्यक्रम शामिल होते हैं. कलाकारों द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले नृत्य और संगीत कार्यक्रम भी इस समारोह की शोभा बढ़ाते हैं.
Tags: Hindi news, Local18FIRST PUBLISHED : November 4, 2024, 15:28 IST