कहते हैं इश्क सच्चा हो तो मुकम्मल होकर रहता है… SBI बैंक में करेंसी चेंज कराने आई एक लड़की से आंखे मिलना और फिर इश्क हो जाना. इतना ही नहीं, प्यार का खुमार ऐसा कि उसे पाने की खातिर भारत छोड़कर विदेश चले जाना. ये किसी फिल्म की स्क्रिप्ट नहीं, बल्कि एक भारतीय क्रिकेटर की लव स्टोरी है. इस पूर्व क्रिकेटर को ऐसा इश्क हुआ कि अपनी मोहब्बत को पाने के लिए साउथ अफ्रीका चला गया. उन्हें बैन भी कर दिया गया, लेकिन प्यार को हासिल करने की जिद जुनूनी थी. आइए जानते हैं ये अनोखी लव स्टोरी.
भारत के कई ऐसे क्रिकेटर्स हैं, जिन्होंने इस खेल से तो नाम बनाया ही, साथ ही अपनी लव स्टोरीज को लेकर हमेशा चर्चा में रहे. मंसूर अली खान पटौदी की शर्मिला टैगोर से शादी क्रिकेट के बॉलीवुड कनेक्शन की पहली शुरुआत रही. पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने अपने बचपन के प्यार से शादी की. महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर की अंजलि मेहता के साथ शादी हुई. वर्तमान में टीम इंडिया के स्टार बल्लेबाज विराट कोहली ने बॉलीवुड एक्ट्रेस अनुष्का शर्मा से इटली में शादी रचाई. ये सभी प्रमुख भारतीय क्रिकेटर्स की लव स्टोरी हैं.
इन सबसे इतर, पूर्व क्रिकेटर महालिंगम वेंकटेशन ने अपने प्यार को पाने के लिए जो किया, उसके सामने सबसे रोमांटिक और क्लासिक प्रेम कहानियां भी फीकी पड़ जाएं. 1970 और 80 के दशक के आखिर में भारत के क्षेत्रीय और घरेलू क्रिकेट सर्किट के प्रमुख नाम ‘माली’ ने प्यार की के लिए एक ऐसा रिस्क उठाया, जिसने उनकी जिंदगी बदल दी.
भारत छोड़ पहुंच गए विदेश
70 साल के महालिंगम वेंकटेशन ने हिंदुस्तान टाइम्स से बात करते हुए अपनी लव स्टोरी के बारे में बताया. उन्होंने बताया, ‘मैं अपनी पत्नी प्रिसिला से मिला, जो एक साउथ अफ्रीकी-भारतीय थीं. वह 1983 में भारत आई थीं. लेकिन जब वह वापस गईं, तो मुझे उनके पीछे साउथ अफ्रीका जाने का रास्ता खोजना पड़ा.’
इस पूर्व क्रिकेटर ने आगे कहा, ‘उन दिनों यात्रा करना आसान नहीं था. कोई भी आसानी से साउथ अफ्रीका नहीं जा सकता था. लेकिन मुझे भारत सरकार से विशेष अनुमति मिली और मैं उसी साल वहां गया. मैंने उन्हें बताया कि साउथ अफ्रीका में मेरा एक रिश्तेदार है, जिससे मुझे मिलना है. उन दिनों केवल कागजी वीजा ही मिला करते थे. डरबन में उतरने के बाद, जब मैंने उसे (प्रिसिला) फोन किया और बताया कि मैं यहां हूं, तो उसे यकीन नहीं हुआ. वह बोली ‘तुम झूठ बोल रहे हो’. मैं उसके वर्क प्लेस पर गया और कहा ‘देखो, मैं यहां हूं, तुमसे मिलने के लिए भारत से आया हूं.’
‘SBI में करेंसी चेंज कराने आई थीं’
इस पूर्व क्रिकेटर ने कहा, ‘मेरी पत्नी और उसकी बहन SBI में करेंसी चेंज काने आई थीं. भारत और वेस्टइंडीज के बीच चेन्नई में टेस्ट मैच खेला जा रहा था. मैं उसे मैच दिखाने ले गया और बाकी सब, जैसा कि कहते हैं, इतिहास. उस दिन कुछ ऐसा हुआ और आज, उसकी और मेरी शादी को 38 साल हो गए हैं.’ बता दें कि महालिंगम वेंकटेशन तमिलनाडु में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की टीम के लिए एक खेलते थे.
साउथ अफ्रीका पहुंचने के बाद महालिंगम वेंकटेशन वहीं से शुरुआत करने के लिए उत्सुक थे, जहां से उन्होंने भारत में छोड़ा था. उस समय साउथ अफ्रीका के घरेलू क्रिकेट में दो बोर्ड थे – नेटाल क्रिकेट एसोसिएशन और नेटाल क्रिकेट बोर्ड, जो रंगभेद के दौर में काम कर रहे थे. स्वाभाविक रूप से महालिंगम क्रिकेट खेलना चाहते थे. जब वह मात्र 24 या 25 साल के थे तो वह एक स्थानीय टीम में शामिल हो गए, जो बहु-नस्लीय सेटअप नहीं थी.
लौटना पड़ा भारत
आखिरकार, उन्हें को NCB में मौका मिला और ‘महालिंगम मुरली’ नाम से कुछ मैच खेले. हालांकि, चीजें अचानक तब खत्म हो गईं. जब उनका वीजा एक्सपायर होने वाला था, तो उन्होंने एक्सटेंशन के लिए आवेदन किया, लेकिन मुश्किलें पैदा हो गईं. उनके जानने वाले किसी व्यक्ति ने जाम्बिया में राजदूत से संपर्क किया, जिसने फिर तमिलनाडु क्रिकेट एसोसिएशन (TNCA) से संपर्क किया. SBI में उनेके मैनेजर ने उनसे पूछा, ‘तुम साउथ अफ्रीका में कैसे खेल सकते हो?’ बहुत कम विकल्प होने के कारण, वह प्रिसिला को छोड़कर भारत लौट आए.
बैन कर दिया गया
इस पूर्व क्रिकेटर ने बताया कि उन्हें साउथ अफ्रीका में बैन भी कर दिया गया. उन्होंने कहा, ‘मैंने चार मैचों में वास्तव में अच्छा खेला. सेलेक्टर्स को बेन्सन और हेजेस टूर्नामेंट के लिए मिलना था. मेरा सेलेक्शन हो गया, लेकिन इससे पहले कि मैं आगे बढ़ पाता, उन्हें पता चला कि मैं साउथ अफ्रीका से नहीं हूं और फिर उन्होंने मुझे बैन कर दिया. NCB ने कहा ‘तुम नहीं खेल सकते’, क्योंकि उन्हें लगा कि साउथ अफ्रीका से बाहर का कोई भी खिलाड़ी उनके लिए रंगभेद का समर्थन करता है. इसलिए, मैं भारत वापस चला गया, लेकिन मैं भारत से पहला भारतीय था, जिसने दक्षिण अफ्रीका में खेला.’
अब साउथ अफ्रीका में ही रहते हैं
महालिंगम वेंकटेशन की पत्नी 1986 में लौटीं और उसी साल दोनों ने शादी कर ली. अगले 15 साल उन्होंने साउथ अफ्रीका में एक साथ अपना जीवन बिताए. 2000 में प्रोफेशनल क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद महालिंगम के लाइफ के दूसरे चैप्टर की शुरुआत हुई. वह अब एक गौरवशाली साउथ अफ्रीकी हैं, जिन्होंने काफी सफलता हासिल की. उन्होंने रेस्टोरेंट बिजनेस में कदम रखा और जल्दी-जल्दी तीन रेस्टोरेंट के मालिक बन गए.
उन्होंने बताया, ‘मैं पिछले 24 सालों से साउथ अफ्रीका में हूं. यहां आकर मैंने तीन रेस्टोरेंट शुरू किए. पहले रेस्टोरेंट का नाम लिटिल इंडिया था. सभी लोग आते थे. इसे बंद करने के बाद मैंने दो और रेस्टोरेंट खोले, जिनका नाम पालकी और माली इंडियन रेस्टोरेंट था. माली रेस्टोरेंट ने बहुत अच्छा काम किया, लेकिन 2019 में जब मेरा बेटा कनाडा चला गया, तो मैंने इसे भी छोड़ दिया. मैं तीन रेस्टोरेंट का डायरेक्टर था. मेरी नेटवर्थ करीब दो मिलियन रैंड थी, जो भारतीय रुपये में करीब 1 करोड़ होती है.’ (PHOTO – AI)