रिपोर्ट – धीरेंद्र शुक्ला
चित्रकूट. पंचमुखी शिव के दर्शन करने आने वाले भक्त इस मूर्ति को देखते रह जाते हैं. बेहद अनोखी भगवान शिव की इस मूर्ति के पांच मुख हैं और हर मुख की भाव भंगिमा बिलकुल अलग है. इस मूर्ति के पीछे मान्यता है कि चित्रकूट में श्रीराम ने यह मूर्ति तब बनाई थी जब शिव उनसे मिलने के लिए चित्रकूट आए थे. पौराणिक कथाओं में है कि मयंक असुर को पूजा का आशीर्वाद देने की चर्चा न केवल धरती बल्कि स्वर्गलोक तक जा पंहुची. राम की इस लीला ने राक्षसों के साथ साथ देवताओं को भी आश्चर्य में डाल दिया था. जब कैलाशपति भगवान शंकर तक यह बात पंहुची तो वह भी हैरान हुए और राम से मिलने के लिए चित्रकूट की धरती पर आए.
कथा में वर्णन है कि शिव के दर्शन पाकर श्रीराम की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. महादेव को अपना आराध्य देव मानने वाले भगवान राम ने इस पंचमुखी प्रतिमा की स्थापना की. इस मूर्ति की विशेषता भी आपको बताएं, कहते हैं कि दुनिया भर में शिव की ऐसी दुर्लभ प्रतिमाएं सिर्फ तीन जगहों पर ही हैं. राम की लीला भूमि चित्रकूट में इस प्रतिमा के दर्शन कर लोग अपने आपको धन्य मानते हैं.
शादी की मुराद पूरी करते हैं पंचमुखी शिव!
पौराणिक मान्यताओं और धार्मिक परंपराओं में कहा जाता है राम और भगवान शिव दोनों ही एक दूसरे को अपना इष्ट मानते हैं. ऐसे में चित्रकूट आने वाले भक्तों को राम और महादेव के दर्शन एक साथ मिल जाते हैं. ये जानकारियां देते हुए चित्रकूट के महंत दिव्य जीवन दास का कहना है कि पंचमुखी भोलेनाथ के दर्शन से भक्तों की मनोकामना भी पूरी होती है. उनके मुताबिक अगर किसी की शादी नहीं हो रही तो एक बार पंचमुखी शिव के दर्शन और दूध से अभिषेक करने पर एक साल में यह मुराद पूरी हो जाती है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Chitrakoot News, MahashivratriFIRST PUBLISHED : February 16, 2023, 16:42 IST
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