Maha Kumbh Mela: नागा सन्यासी बनने की होती है कड़ी परीक्षा, 104 लोग नहीं हुए पास

admin

AAP को BJP से ज्यादा कांग्रेस का डर क्यों? याद आ रहा 2017 का MCD इलेक्शन

Agency:News18 Uttar PradeshLast Updated:January 23, 2025, 18:05 ISTMaha Kumbh Mela 2025 Prayagraj: महाकुंभ 2025 में 13 अखाड़े में लगभग 30 महामंडलेश्वर और 3,500 से अधिक नगर सन्यासी बनाए गए हैं. बसंत पंचमी के तीसरे अमृत स्नान तक महामंडलेश्वर पद के लिए पट्टाभिषेक और नागा संन्यासि…और पढ़ेंनागा सन्यासीप्रयागराज: महाकुंभ मेले में साधु संतों के समागम के साथ ही सनातन धर्म का प्रचार-प्रसार भी देखने को मिल रहा है. आपको बताते चलें कि महाकुंभ 2025 में 13 अखाड़े में लगभग 30 महामंडलेश्वर और 3500 से अधिक नगर सन्यासी बनाए जा चुके हैं. बसंत पंचमी के तीसरे अमृत स्नान तक महामंडलेश्वर पद के लिए पट्टाभिषेक और नागा संन्यासियों को दीक्षा दी जाएगी. दोनों ही पद के लिए अखाड़े में आवेदन लिया जाता है. संत अपना जन्म स्थान, सगे संबंधियों का विवरण, शैक्षिक योग्यता और संपत्ति की जानकारी देते हैं. यह भी जानकारी देते हैं कि उन पर कोई मुकदमा है या नहीं.

जिलेदार करता है जांचअखाड़े के जिलेदारों से सन्यासियों के विवरणों सहित अन्य जरूरी चीजों की जांच कराई जाती है. जिलेदार अपनी रिपोर्ट अखाड़े के पंच परमेश्वर को देते हैं. पंच रिपोर्ट के अनुसार अपने स्तर पर जांच करते हैं. जांच के बाद अखाड़े के सभापति को रिपोर्ट दी जाती है .सभापति पुनः कुछ महात्माओं से तथ्यों की जांच कराते हैं. महामंडलेश्वर पद के लिए इस बार श्री निरंजनी अखाड़ा में 6 छह, जूना अखाड़ा में दो संतों का विवरण गलत मिला. नागा संन्यासी के लिए आवेदनों को निरस्त करने का आंकड़ा इस तरह रहा. जूना अखाड़े में 34 आवेदन निरस्त किए गए. आवाहन में 13, निरंजन अखाड़ा में 22, आनंद अखाड़ा में 11 और बड़ा उदासीन अखाड़ा में 12 संत अयोग्य मिले. इनके आवेदन निरस्त कर दिए गए थे.

104 का आवेदन हुआ निरस्तमहामंडलेश्वर और नागा सन्यासी बनने से पहले हर अखाड़े में गहन जांच होती है. कर्म और चरित्र की पवित्रता मिलने पर ही नागा संन्यासी और महामंडलेश्वर की श्रेणी में जोड़ा जाता है. अखिल भारतीय परिषद अखाड़ा और मनसा देवी मंदिर हरिद्वार के अध्यक्ष और महंत रविंद्र नाथ पुरी जी महाराज ने बताया कि जब गहन जांच हुई तो उसमें 104 अभ्यर्थी को शामिल नहीं किया गया. रवींद्रनाथ पुरी जी महाराज ने बताया कि अनुशासन और सच्चाई अखाड़े में सर्वोपरि है. अखाड़े में किसी भी परिस्थिति में इन सभी महत्वपूर्ण तथ्यों से समझौता नहीं किया जाता. महामंडलेश्वर और नागा संन्यासी बनाने में इन बातों का विशेष ध्यान रखा जाता है कि जो भी अभ्यर्थी नियम और निर्देशों पर खरा नहीं उतरते उन्हें महामंडलेश्वर और नागा संन्यासी कि श्रेणी में शामिल नहीं किया जाता है.
Location :Allahabad,Uttar PradeshFirst Published :January 23, 2025, 18:05 ISThomeuttar-pradeshMaha Kumbh: नागा सन्यासी बनने की होती है कड़ी परीक्षा, 104 लोग नहीं हुए पास

Source link