Magh Mela 2022: – The rules of Kalpavas make this sadhna special, know what are the rules – News18 हिंदी

admin

Magh Mela 2022: - The rules of Kalpavas make this sadhna special, know what are the rules – News18 हिंदी



प्रयागराज:- मानव एक सामाजिक प्राणी है.समाज में रहना, उसके नियमों का पालन करना हमारा कर्तव्य है.लेकिन कभी-कभी मनुष्य इन नियमों और रिवाजों से खुद को ऊपर करना चाहता हैं.सांसारिक मोह-माया में हम खुद को बंधा पाते हैं,एक ऐसा जाल जिससे हम निकलना तो चाहते हैं लेकिन अनेकों मजबूरियां हमें उसमें बांधे रखती हैं.मनोस्थिति कुछ ऐसी होती है कि हम अकेले किसी रास्ते में चलना चाहते हैं,खुद को जानना चाहते हैं और खुद को जानने का सबसे बेहतर रास्ता है ईश्वर से जुड़ना.ऐसी ही एक साधना,एक उपाय कल्पवास का है.जी हां.. कल्पवास एक साधना है जो प्रयागराज की पावन भूमि में सदियों से निभाई जा रही है.हमारे पूर्वजों, ऋषि-मुनियों ने हमारा परिचय अध्यात्म के एक रास्ते से करवाया है जो हमें अनंत शक्ति और ऊर्जा से जोड़ता है.कल्पवास के नियम कल्पवास को खास बनाते हैं.इसके कुछ नियम आज भी प्रमुखता से वैसे ही निभाए जा रहे हैं जैसे सदियों पहले निभाए जाते थे.इन पर आधुनिकता हावी नहीं हो पाई है.यह खास परंपरा और नियम ही कल्पवास की साधना को और खास बनाते हैं जिससे हर कोई जुड़ना चाहता है.तो चलिए जानते हैं कि कल्पवास के नियम क्या-क्या हैं ?
सुबह से शाम एक विशेष दिनचर्या का होता है पालन
•श्रद्धालु माघ की कड़ाके की ठंड में ब्रह्म मुहूर्त में उठकर संगम स्नान करते हैं.श्रद्धालु अपनी क्षमता के चलते दिन में तीन बार भी स्नान करते हैं.• स्नान के बाद प्रातः काल ही अपने-अपने शिविरों में पूजा-अर्चना करते हैं,पाठ करते हैं और फिर सभी लोग टोली में जाकर साधु-संतों का उपदेश सुनते हैं.•महात्माओं और जरूरतमंदों को दान किया जाता है. लोग अपनी अपनी क्षमता के अनुसार हर रोज दान करते हैं और शुभ आचरण का पालन करते हैं.•कल्पवास के दौरान श्रद्धालु अपनी इंद्रियों में संयम करने का अभ्यास करते हैं. इस दौरान झूठ ना बोलना, अहिंसा, सादगी भरा जीवन श्रद्धालुओं की प्रमुखता होती है.•श्रद्धालु कुटिया में रहते हैं. पुआल या सरपत से बने बिस्तर पर जमीन में ही सोते हैं.खुद या पत्नी द्वारा बना भोजन खाते हैं.•कुछ लोग दोनों वक्त फलाहार करते हैं और कुछ लोग एक वक्त फलाहार करते हैं. लहसुन, प्याज खाने में पूरी तरह प्रतिबंधित होता है.•सभी श्रद्धालु अपने शिविर के अंदर या बाहर 1 महीने के लिए तुलसी का एक पौधा रोपते हैं, जिसकी देखभाल, पूजा-अर्चना सुबह-शाम की जाती है.•इस एक महीने के दौरान व्यक्ति सांसारिक चिंता से मुक्त होकर, गृहस्थ जीवन को कुछ पलों के लिए पीछे छोड़कर,अपना सारा वक्त भजन-कीर्तन और प्रभु को याद करने में बिताता है.
(रिपोर्ट-प्राची शर्मा, प्रयागराज)

आपके शहर से (इलाहाबाद)

उत्तर प्रदेश

माघ मेला 2022:- कल्पवास के नियम बनाते हैं इस साधना को खास, जानिए क्या हैं नियम ?

देश की टॉप टेन लाइब्रेरी में शामिल प्रयागराज की पब्लिक लाइब्रेरी में मौजूद है दुर्लभ किताबों का खजाना

UP Chunav: 5वें चरण के लिए प्रयागराज में सजने लगे पंडाल, आज मायावती सहित ये नेता करेंगे प्रचार

अरुण सिंह ने अखिलेश यादव को बताया शेखचिल्ली, कहा- सरकार बनाने का देख रहे हैं सपना

UP Election 2022: एक बार फिर चर्चा में BJP विधायक हर्षवर्धन बाजपेई, अब ठुमके लगाते आए नजर, Video वायरल

Magh mela 2022:-जानिए क्यों फीकी रही इस बार माघ मेले की चमक

UPTET 2021 Result: यूपी चुनाव की वजह से टल सकता है UPTET 2021 रिजल्ट, यहां देखें बड़ा अपडेट

कच्‍ची उम्र में पक्‍का प्‍यार: 14 वर्ष में हुई प्रेग्‍नेंट, फिर भेज दी गई बालिका गृह; पढ़ें कष्‍ट और धैर्य की पूरी कहानी

Magh mela 2022:-माघ मेले में दिख रहें हैं विविधताओं के  अनेकों रंग,साधु-संतों की हैं अनोखी तपस्या

UP Police Bharti 2022: यूपी पुलिस में शुरु हैं 2300 से अधिक पदों पर भर्ती, 12वीं, ITI, डिप्लोमा पास के लिए मौका

UPTET Exam Result Date 2022: जानें कब जारी होगा यूपीटीईटी का रिजल्ट, देखें पूरी डिटेल

उत्तर प्रदेश

ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |



Source link