हिंदी सिनेमा की सबसे हसीन अदाकाराओं में शुमार मधुबाला की मुस्कान और अदाएं आज भी लोगों के दिलों में बसी हुई हैं. हालांकि, बहुत कम लोग जानते हैं कि अपनी चमकदार छवि के पीछे मधुबाला एक गंभीर बीमारी से चुपचाप लड़ रही थीं. उनकी जिंदगी के आखिरी साल एक ऐसे संघर्ष की कहानी हैं, जो बाहर से नहीं दिखती, लेकिन अंदर ही अंदर उन्हें तोड़ रही थी.
हाल ही में मधुबाला की बहन मधुर भूषण ने एक इंटरव्यू में उस पल को याद किया जब सब कुछ बदल गया था. उन्होंने बताया कि एक दिन जब वो दांत ब्रश कर रही थीं, उन्होंने खून थूका. दिलीप साहब तुरंत मुंबई से डॉक्टर रुस्तम जल वकील को लेकर आए. जांच में पता चला कि उनके दिल में छेद है, जिसे मेडिकल भाषा में वेंट्रिकुलर सेप्टल डिफेक्ट (VSD) कहते हैं. चौंकाने वाली बात यह थी कि मधुबाला बाहर से एकदम हेल्दी और खूबसूरत लगती थीं, इसलिए न उन्हें और न ही उनके करीबी लोगों को यकीन हुआ कि कुछ गंभीर है.
बीमारी को किया इग्नोरडॉक्टर की सलाह के बावजूद मधुबाला ने अपना काम जारी रखा. उस समय वे करियर की ऊंचाई पर थीं और रुकना नहीं चाहती थीं. ‘मुगल-ए-आजम’ की शूटिंग के दौरान वे थकान से बेहोश भी हो गई थीं. लेकिन बावजूद इसके उन्होंने शादी की और लंदन जाकर इलाज कराया. वहां के डॉक्टरों ने साफ कहा कि उनका दिल अब काम नहीं कर रहा और वो दो साल से ज्यादा नहीं जी पाएंगी.
दिल में छेददिल में छेद यानी VSD, आमतौर पर बचपन में ही पकड़ में आ जाता है, लेकिन कुछ मामलो में यह दशकों तक बिना लक्षण के बना रह सकता है. इंडियन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी के डॉ. सीएम नागेश के अनुसार, अगर छेद छोटा हो तो व्यक्ति बिना किसी लक्षण के सामान्य जीवन जी सकता है. लेकिन धीरे-धीरे यह समस्या दिल और फेफड़ों पर दबाव बनाना शुरू कर देती है और जब तक लक्षण स्पष्ट होते हैं, तब तक स्थिति बिगड़ चुकी होती है.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.