रिपोर्ट : विशाल झा
गाज़ियाबाद : देश के ‘हॉकी स्टार’ या ‘हॉकी के जादूगर’ इसके अलावा भी दुनिया ध्यानचंद को कई सारे नाम और रिकॉर्ड से जानती है. ध्यानचंद ने लगातार तीन ओलंपिक (1928 एम्स्टर्डम, 1932 लॉस एंजेलिस, 1936 बर्लिन ) में भारत को हॉकी में स्वर्ण पदक दिलाया था. हॉकी देश का राष्ट्रीय खेल भी है. इसके बावजूद ध्यानचंद को उनके निधन के 43 सालों बाद भी भारत रत्न नहीं दिया गया.
ध्यानचंद को उनके असाधारण गोल-स्कोरिंग कारनामों के लिए जाना जाता था. उनकी जयंती को भारत के राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है. इतना सम्मान दिए जाने के बावजूद इस खिलाड़ी को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से नवाजे जाने में बार-बार अनदेखी होती रही है. इस मुद्दे पर News 18 Local ने ध्यानचंद के बेटे और पूर्व हॉकी खिलाड़ी अशोक ध्यानचंद से बात की.
Q: भारत रत्न नहीं मिलने के संबंध में आप से भी लोग पूछते ही होंगे?A: पिताजी ने देश को ही नहीं, बल्कि दुनिया को साइंटिफिक तरीके से हॉकी खेलना सिखाया. हॉकी को एक ऐसी ऊंचाई दी, जिसके कारण वह हॉकी के जादूगर कहलाए. ध्यानचंद ने 1928 में देश को ही पहला मेडल नहीं, बल्कि पूरे एशिया को पहला मेडल दिलाया था. खिलाड़ी में खेल की भावना को उच्च स्तर पर पहुंचाने का काम भी उन्होंने ही किया था और अब उनकी मृत्यु के 43 साल बाद भी अगर यह सवाल बरकरार है कि ध्यानचंद को भारत रत्न क्यों नहीं मिल रहा है? तो यह हैरान कर देने वाली बात है. अगर पुरस्कार नहीं देना है तो उसका कारण बताना चाहिए.
Q: आपको क्या लगता है, रुकावट कहां है?A: अरे, किस बात से भारत रत्न अटकना चाहिए. यह सम्मान उस खिलाड़ी के लिए है, जिसने देश के सम्मान को ऊंचाइयां दी. जब भारत आजाद भी नहीं हुआ था, तब उनका मैच जर्मनी की टीम के साथ हुआ था. उस मैच में ध्यानचंद की टीम ने सात गोल किए थे. पांचवे गोल के बाद ही हिटलर ने मैदान छोड़ दिया था. अब उस खिलाड़ी के सम्मान को क्यों अटका रखा है? पता नहीं.
Q : हॉकी पर बनी फिल्म ‘चक दे इंडिया’ के बारे में क्या कहेंगे?A : बिल्कुल, ऐसी फिल्में बननी ही चाहिए, जो देश में खेल और खिलाड़ियों के प्रति जागरूकता फैलाती हों. हम खिलाड़ियों का भी कर्तव्य है कि आने वाली पीढ़ियों को देश के लिए मेडल लाने को प्रेरित करें. खुद प्रधानमंत्री ने एक बार की टी-पार्टी में कहा था कि जब तक भारत हॉकी में मेडल नहीं जीतता है, तब तक लगता ही नहीं की हमने कुछ जीता है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Ghaziabad News, Hockey, Interview, UP newsFIRST PUBLISHED : February 04, 2023, 22:20 IST
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