Lucknow: महिलाओं की मनचलों से रक्षा करेंगे झुमका, सैंडल और पर्स, जानें कैसे?

admin

Lucknow: महिलाओं की मनचलों से रक्षा करेंगे झुमका, सैंडल और पर्स, जानें कैसे?



रिपोर्ट: अंजलि सिंह राजपूत
लखनऊ. मनचलों से लड़कियों की रक्षा अब उनके अपने आभूषण ही करेंगे. झुमका, सैंडल और पर्स मनचलों को अब सबक सिखाएंगे और कुछ ही मिनटों में महिलाओं तक पुलिस के साथ उनके घर वाले भी पहुंच जाएंगे. मेरठ के रहने वाले श्याम चौरसिया ने तीन ऐसी डिवाइस बनाई हैं जो महिलाओं की सुरक्षा में अहम साबित हो सकती हैं. इसमें से एक पर्स है जिसके अंदर से गोली जैसी आवाज निकल सकती है, जिसके इस्तेमाल से महिलाएं मनचलों को डराने के साथ और तेज आवाज से लोगों का ध्यान को खींच सकेंगी. इस पर्स में एक बटन भी लगा हुआ है, जिसका कनेक्शन सीधा मोबाइल के ब्लूटूथ से है.यही नहीं, जैसे ही महिलाएं मनचलों को अपने सामने दिखेंगी पहले तो इसके जरिए वह ब्लैंक गोली दगा कर वहां से भाग सकती हैं. इसके बाद उस बटन को दबाकर सीधा हेल्पलाइन नंबर 112 पर कॉल चली जाएगी, क्योंकि उसका कनेक्शन ब्लूटूथ से किया गया है. इस आपात नम्बर पर कॉल करने के साथ महिला के परिजनों के नंबर पर कॉल और मैसेज के जरिए लोकेशन पहुंच जाएगी.
सैंडल और झुमका ऐसे करेगा मददठीक इसी तरह एक सैंडल और झुमका भी है. सैंडल के जरिए भी महिलाएं बटन दबाकर गोली जैसी आवाज निकाल कर आत्मरक्षा कर सकती हैं. इसका कनेक्शन भी मोबाइल के ब्लूटूथ से किया गया है. झुमके भी मोबाइल के ब्लूटूथ के माध्यम से आपातकाल में संदेश पहुंचा देगा. मतलब अब मनचलों को सामने देखकर मदद मांगने के लिए महिलाओं को अपने पर्स से या अपनी जेब से मोबाइल निकालने की जरूरत नहीं होगी. अमूमन देखा गया कि जब तक महिला अपना मोबाइल निकालती हैं तो मनचले उनका मोबाइल छीन लेते हैं जिस वजह से वह किसी को कॉल नहीं कर पाती हैं, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा बल्कि सिर्फ एक बटन दबाने से हेल्पलाइन नंबर और उनके परिवार के सदस्‍यों तक तत्काल सूचना चली जाएगी.
7 महीने में तैयार हुईं डिवाइसइन तीनों डिवाइस को बनाने वाले श्याम चौरसिया ने बताया कि‌ वह एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय की ओर से आयोजित एक कार्यशाला में भाग लेने आए थे. उसी दौरान उन्होंने अपना यह पूरा महिलाओं की सुरक्षा पर बनाए गए मॉडल को पेश किया था जिसकी काफी सराहना भी मिली है. अब वो इसका पेटेंट कराने के बारे में विचार कर रहे हैं. श्याम चौरसिया ने बताया कि इसे बनाने में उन्हें 7 महीने का वक्त लगा और करीब 2500 रुपए का खर्चा आया है. इस प्रोजेक्ट को बाजार में लाने के लिए लखनऊ के एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी (एकेटीयू) के इन्नोवेशन हब से हर संभव मदद मिलने का भी आश्वासन मिला है.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |Tags: Lucknow news, Lucknow PoliceFIRST PUBLISHED : September 02, 2022, 17:28 IST



Source link