रिपोर्ट- अंजलि सिंह राजपूतलखनऊ. कठपुतली नाटक तो हर किसी ने अपने बचपन में देखा ही होगा. यही नहीं बॉलीवुड फिल्मों में भी कई बार कठपुतली नाटकों को दिखाया गया है. लेकिन अब यह लोककला लखनऊ समेत पूरे उत्तर प्रदेश से धीमे-धीमे खत्म होती जा रही है. नाटक करने के लिए जगह और ऑफर न मिलने के चलते कई कलाकारों ने अब कठपुतली नाटकों को करना बंद कर दिया है. उन्होंने अपनी रोजी-रोटी का नया माध्यम चुन लिया है. ऐसे में अब लखनऊ में सिर्फ दो या चार ही कलाकार बचे हैं जो अभी भी कठपुतली नाटकों को करते हैं. इन्हीं में एक नाम है विपिन कुमार का जो कि सरकार की योजनाओं के साथ मिलकर जागरूकता कार्यक्रमों को कठपुतली नाटकों के जरिए दिखाते हैं और लोगों को जागरूक करते हैं.विपिन कुमार ने न्यूज18 लोकल से बातचीत में बताया कि अब लोगों ने मनोरंजन के कई दूसरे साधन चुन लिए हैं. कठपुतली नाटक अब लोगों को बहुत ज्यादा अच्छा नहीं लगता है. शायद यही वजह है कि सरकार भी इस कला को बचाने की ओर ध्यान नहीं दे रही है लेकिन यह एक सस्ता और बेहद मनोरंजन का साधन है. कठपुतली नाटक न सिर्फ बच्चों बल्कि बड़ों के बीच में भी अगर किया जाए तो उन्हें भी काफी पसंद आता है लेकिन पिछले कुछ वक्त से यह लखनऊ में कला विलुप्त होती जा रही है और आने वाले वक्त में अगर इसे नहीं बचाया गया कि यह पूरी तरह से खत्म हो जाएगी.सरकार से गुजारिशविपिन कुमार कहते हैं कि इस कला को बचाने के लिए सरकार को ध्यान देना चाहिए. सरकार के कई सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं उसमें कठपुतली नाटकों को भी रखना चाहिए और कलाकारों को बुलाना चाहिए. यकीनन यह कला उस कार्यक्रम की शोभा को बढ़ाएगी और दर्शकों को भी काफी पसंद आएगा.रोजी-रोटी चलाना मुश्किलविपिन कुमार कहते हैं कि कठपुतली कला के जरिए अगर कोई अपनी रोजी-रोटी चलाना चाहेगा तो ऐसा संभव बिल्कुल भी नहीं है क्योंकि यह बेहद सस्ती कला है लेकिन इसमें मेहनत सभी नाटकों से ज्यादा लगती है क्योंकि सभी अलग-अलग कैरेक्टर को अपने हाथों में पहनना और सभी की अलग-अलग आवाज निकालना बहुत मेहनत का काम है. इन सबके बावजूद इस कला में अब कमाई नहीं रही है.गुलाबो सिताबो यहां की कलाविपिन कुमार ने बताया कि लखनऊ और उत्तर प्रदेश की पहचान है गुलाबो सिताबो. इसे बहुत पसंद किया जाता है. इसके नाम पर फिल्में भी बनी हुई हैं. लखनऊ और उत्तर प्रदेश में हाथों में कठपुतलियों को पहनकर नाटक करने की पहचान है जबकि हाथों में रस्सी बांधकर जो कठपुतलियों का नाटक किया जाता है वह लखनऊ नहीं बल्कि दूसरे राज्यों की पहचान है.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|FIRST PUBLISHED : April 08, 2023, 14:44 IST
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