Lovlina Borgohain out from paris olympics 2024 lost quarter final match | Lovlina Borgohain : बॉक्सिंग में टूटीं भारत की उम्मीदें, क्वार्टर फाइनल में हारकर पेरिस ओलंपिक से लवलीना बाहर

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Lovlina Borgohain out from paris olympics 2024 lost quarter final match | Lovlina Borgohain : बॉक्सिंग में टूटीं भारत की उम्मीदें, क्वार्टर फाइनल में हारकर पेरिस ओलंपिक से लवलीना बाहर



Lovlina Borgohain : टोक्यो ओलंपिक की ब्रॉन्ज मेडलिस्ट भारतीय मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन (75 किग्रा) रविवार को चीन की ली कियान से क्वार्टर फाइनल में हारकर मौजूदा पेरिस ओलंपिक से बाहर हो गईं. लवलीना को इस कड़े मुकाबले में 1-4 से हार का सामना करना पड़ा. इस दौरान दोनों मुक्केबाजों को बार-बार क्लिंचिंग और होल्ड करने के लिए चेतावनी दी गई. लवलीना की हार के साथ ही भारत की मुक्केबाजी में चुनौती भी समाप्त हो गई. इससे पहले निशांत देव के पुरुषों के 71 किग्रा क्वार्टर फाइनल से बाहर हो गए थे. भारत ने पेरिस ओलंपिक में 6 मुक्केबाज उतारे थे. इनमें चार महिला और दो पुरुष मुक्केबाज शामिल हैं.
निकहत जरीन पहले ही हो चुकी हैं बाहर
निकहत जरीन के बाहर होने के बाद लवलीना पदक जीतने की प्रबल दावेदार थी. लेकिन शीर्ष वरीयता प्राप्त चीनी मुकेबाज ने लवलीना के खिलाफ यह मुकाबला आसानी से जीत लिया. जीत से लवलीना के लिए मेडल पक्का हो जाता, क्योंकि ओलंपिक मुक्केबाजी में दो ब्रॉन्ज मेडल दिए जाते हैं, जिसमें दो हारने वाले सेमीफाइनलिस्ट को ब्रॉन्ज मिलता है.
टोक्यो में आया था मेडल
टोक्यो 2020 में लवलीना ने 69 किग्रा वर्ग में ब्रॉन्ज मेडल जीता. इससे पहले विजेंदर सिंह और मैरी कॉम के बाद ओलंपिक में मेडल जीतने वाली केवल तीसरी भारतीय मुक्केबाज बनी थीं. हालांकि, उन्होंने इस बार 69 किग्रा वर्ग में नहीं, बल्कि 75 किग्रा वर्ग में भाग लिया जिसके लिए उन्हें और अधिक मेहनत करनी पड़ी. असम की मुक्केबाज ने अपने नए वर्ग में अच्छी तरह से खुद को ढाल लिया था और उसी में मौजूदा वर्ल्ड चैंपियन बनीं.
जीत के साथ हुई थी शुरुआत
मौजूदा समर ओलंपिक में एकमात्र सीड प्राप्त भारतीय मुक्केबाज, लवलीना ने इस सप्ताह की शुरुआत में नॉर्वे की सुन्नीवा हॉफस्टेड के खिलाफ 5-0 की सर्वसम्मति से जीत के साथ अपने अभियान की शुरुआत की. पिछले साल एशियन गेम्स के फाइनल में लवलीना को हार का सामना करना पड़ा था, जहां वह कियान से 5-0 से हार गई थीं और उन्हें सिल्वर मेडल से संतोष करना पड़ा था.



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