Women’s World Boxing Championship: भारत की 2 बेटियों ने वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में रविवार को सोने का तमगा हासिल किया. इसी के साथ भारतीय मुक्केबाजों के नाम इस चैंपियनशिप में 4 गोल्ड मेडल हो गए हैं. रविवार को निकहत जरीन के बाद लवलीना बोरगोहेन ने अपने-अपने वर्ग में वर्ल्ड चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया.कहानी अभी बाकी हैलाइव टीवी
निकहत और लवलीना बनीं वर्ल्ड चैंपियन
स्टार बॉक्सर निकहत जरीन ने रविवार को दूसरा वर्ल्ड चैंपियनशिप खिताब जीता जबकि लवलीना बोरगोहेन ने कांस्य का सिलसिला तोड़ते हुए पहली बार पीला तमगा अपने नाम किया. निकहत ने 50 किग्रा वर्ग के फाइनल में वियतनाम की एनगुएन थि ताम पर 5-0 से जीत दर्ज कर लाइट फ्लाईवेट खिताब अपने नाम किया. वहीं दो बार की कांस्य पदक विजेता लवलीना ने ऑस्ट्रेलिया की कैटलिन पारकर को 5-2 से मात दी. इस जीत से निकहत महान मुक्केबाज एमसी मैरीकॉम (छह बार की वर्ल्ड चैंपियन) के बाद दो बार यह प्रतिष्ठित खिताब जीतने वाली दूसरी भारतीय बन गईं.
निकहत ने बताया अपना अगला टारगेट
निकहत ने पिछले साल 52 किग्रा वजन वर्ग में खिताब जीता था. उन्होंने कहा, ‘मैं बहुत खुश हूं, विशेषकर ओलंपिक वजन वर्ग में वर्ल्ड चैंपियन बनकर. आज का मुकाबला मेरे लिए मुश्किल था. वह (थि ताम) एशियाई चैंपियन हैं और मेरा अगला लक्ष्य एशियाई खेल हैं, मैं अब उनसे फिर भिड़ सकती हूं. इसलिए कड़ी मेहनत करूंगी. मुकाबले में उन्हें और मुझे चेतावनी और ‘काउंट’ मिलीं लेकिन मैं विजेता बनी.’ निकहत अपने 52 किग्रा वजन वर्ग से कम वजन वर्ग में खेलीं.
शुरुआत में थोड़ी सुस्त दिखीं
निकहत अपने फाइनल मैच में पहले थोड़ी सुस्त दिखीं क्योंकि ताम ने पहले आक्रमण किया लेकिन कुछ सेंकेंड बाद घरेलू प्रबल दावेदार ने हमले तेज कर दिए जिसके बाद उन्होंने दाईं ओर दो ‘हुक’ और फिर सीधा मुक्का जड़ा. ताम को जकड़ने के लिए एक पेनल्टी अंक दिया गया जिससे पहला राउंड निकहत के पक्ष में हो गया. ताम ने दूसरे राउंड में मजबूत वापसी की और वह तेज मुक्के जड़ने लगीं जिससे निकहत नीचे सिर करके खेलने को मजबूर हुईं. इससे उन्हें एक पेनल्टी अंक मिला. वियतनाम की मुक्केबाज ने दूसरा राउंड 3-2 से अपने नाम किया. अंतिम 3 मिनट में दोनों मुक्केबाजों ने एक दूसरे पर हावी होने की कोशिश में आक्रमण किया. निकहत के ताकतवर दाएं हाथ के मुक्के से ताम गिर गईं जिससे ताम को ‘काउंट’ का सामना करना पड़ा और फिर ताम के मुक्के से भारतीय मुक्केबाज को ‘काउंट’ मिला.
सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन की बराबरी की ओर
लवलीना ने ओलंपिक गेम्स में भी मेडल जीता था. इससे पहले शनिवार को नीतू गंघास (48 किग्रा) और स्वीटी बूरा (81 किग्रा) वर्ल्ड चैंपियन बनी थीं. मेजबान भारत स्वर्ण पदकों के मामले में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन की बराबरी करने की ओर बढ़ रहा है. भारत ने 2006 में अपनी मेजबानी में चार स्वर्ण पदक जीतकर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया था जिसमें देश के नाम 8 पदक रहे थे. (PTI से इनपुट)
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