अभिषेक जायसवाल/वाराणसी. बनारस गलियों का शहर है और इन गलियों का दीदार करने देशभर से लोग आते हैं. बनारस की इन गलियों में सिर्फ पर्यटक नहीं, बल्कि भगवान जगन्नाथ भी अपने भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ घूमते हैं. हर साल रथयात्रा मेले से एक दिन पहले ऐसा नजारा देखने को मिलता है.
डोली में सवार होकर भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा नगर भ्रमण करते हैं. काशी में यह परंपरा 200 साल से अधिक पुरानी है. दरसअल, मान्यता के अनुसार आषाढ़ ज्येष्ठ पूर्णिमा पर गर्मी से बेहाल भगवान को भक्तों द्वारा स्नान कराया जाता है. इसके अगले दिन भगवान जगन्नाथ बीमार पड़ जातें है. इस दौरान 15 दिन उन्हें काढ़े का भोग लगाया जाता है. इसके बाद जब वह स्वस्थ होते हैं तो मन फेर के लिए नगर भ्रमण पर निकलते हैं.
इन जगहों से निकलती है डोली यात्राइस दौरान अस्सी स्थित जगन्नाथ मंदिर से डोली यात्रा निकलती है और फिर गलियों से होकर अस्सी, दुर्गाकुंड, नवाबगंज, खोजवां होते हुए रथयात्रा स्थित पंचमुखी हनुमान मंदिर पहुंचती है. इस दौरान जगह-जगह पुष्प वर्षा के जरिए उनका स्वागत होता है. इसके अलावा भक्त उनकी आरती भी उतारते हैं.
भक्तों के बीच आते हैं भगवानजगत के पालनहार के नगर भ्रमण के दौरान भक्त भी उनके साथ होते हैं. इसके अलावा डमरू के डम-डम की आवाज और शंख की मंगलध्वनि भी सुनाई देती है. माना जाता है कि इस डोली यात्रा के अलगे दिन से तीन दिनों तक भगवान जगन्नाथ मंदिर छोड़ भक्तों के बीच विराजमान होकर उनकी मनोकामना पूर्ण करते हैं.
.Tags: Jagannath Rath Yatra, Local18, Up news in hindi, Varanasi newsFIRST PUBLISHED : June 19, 2023, 22:39 IST
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