अंजलि सिंह राजपूत/लखनऊ: देश की आन बान और शान वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की जयंती 22 मई सोमवार को वरदान खंड स्थित सीएमएस स्कूल के सभागार में धूमधाम से मनाई गई. इस दौरान हजारों की तादाद में न सिर्फ क्षत्रिय समाज, बल्कि सभी जाति और धर्मों के लोग शामिल हुए.इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में महाराणा प्रताप के वंशज मेवाड़ के राजा महाराजा लक्ष्यराज सिंह शामिल हुए और उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप एक सोच हैं और इसी सोच को आगे बढ़ाना है. 21वीं सदी भारत की है. युवाओं को आज मोबाइल पर वक्त बर्बाद करने से कुछ हासिल नहीं होगा.मेवाड़ के राजा ने आगे कहा, अगर भारत को विश्व गुरु बनाना है तो हमें अपनी विरासत और संस्कृति को आगे बढ़ाना होगा. किताब और इतिहास को पढ़ना होगा. पूरी दुनिया को बताना होगा कि महाराणा प्रताप क्या थे.विक्रम संवत के अनुसार मनाई जयंतीराजा ने यह भी कहा कि लखनऊ वालों ने उनके वंशज महाराणा प्रताप की जयंती विक्रम संवत के अनुसार मनाई है. इसके लिए वह दिल से आभारी हैं, क्योंकि अभी तक लोग महाराणा प्रताप की जयंती 9 मई को ही मनाते आ रहे हैं, जो की अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार है. इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि महाराणा प्रताप के साथ हमें उनके घोड़े चेतक और दूसरे साथियों को भी आज के दिन याद करना चाहिए. महाराणा प्रताप को हमें अपने अंदर जीना होगा. उनके गुणों और उनकी सोच को अपने अंदर लाना होगा.मुख्यमंत्री के सामने रखेंगे मांगभारतीय क्षत्रिय समाज के अध्यक्ष अनिल सिंह गहलोत ने कहा कि महाराणा प्रताप की जयंती के दिन अवकाश होना चाहिए. महाराणा प्रताप के नाम पर स्कूल होना चाहिए. महाराणा प्रताप के नाम पर कोई वीर चक्र सम्मान के साथ ही बड़ी खेल प्रतियोगिताएं भी होनी चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि सभी बोर्ड के पाठ्यक्रमों में महाराणा प्रताप के जीवन चरित्र को शामिल किया जाना चाहिए. इसके अलावा महाराणा प्रताप के नाम पर या फिर चेतक के नाम पर कोई न कोई एक्सप्रेस वे भी होना चाहिए. उन्होंने कहा कि इन सभी मांगों को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने रखा जाएगा.लखनऊ पहुंची हल्दीघाटी की मिट्टीइस दौरान महाराणा प्रताप के वंशज मेवाड़ के राजा महाराजा लक्ष्यराज सिंह ने अनिल सिंह को हल्दीघाटी की मिट्टी भी उपहार में दी. यह देखकर वहां मौजूद सभी लोग भावुक हो गए..FIRST PUBLISHED : May 22, 2023, 21:58 IST
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