रिपोर्ट:अंजलि सिंह राजपूत
लखनऊ. लखनऊ के युवा आर्किटेक्ट निशांत उपाध्याय पर्यावरण को बचाने के लिए चूने और मिट्टी से खूबसूरत आरामदेह घरों का डिजाइन तैयार कर रहे हैं. यह घर भीषण गर्मी में भी बिना एसी (AC) और कूलर के ठंडक का एहसास देते हैं. इतना ही नहीं, ठंड के मौसम में भी आप का आशियाना गर्म रहेगा. पर्यावरण संरक्षण के लिए निशांत अपनी इस टेक्नोलॉजी पर भारत के साथ बेल्जियम में भी काम कर रहे हैं. जबकि उनके इस प्रोजेक्ट को UNESCO ने भी सराहा और एक प्रोजेक्ट भी दिया है.
बता दें कि निशांत उपाध्याय ने 2016 में धरातल नाम से एक संस्था की शुरुआत की थी जिसमें उनका पूरा साथ उनके बेल्जियम यूनिवर्सिटी के दोस्त वियोरिल (Viorel)ने दिया. पढ़ाई के दौरान हुई दोस्ती आज पार्टनरशिप में बदल चुकी है. फिलहाल दोनों साथ मिलकर भारत में पर्यावरण सुरक्षा और ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण पर काम कर रहे हैं.
ऐसे शुरू हुआ सफर…निशांत उपाध्याय ने बताया कि उन्हें हमेशा से ही कंक्रीट के घर ज्यादा पसंद नहीं आए. उनको मिट्टी और चूने के घर पसंद आते हैं. एक ओर जहां ऐसे घर पर्यावरण को सुरक्षित रखते हैं, तो वहीं लंबे समय तक टिके रहते हैं. जबकि कंक्रीट के बने हुए घर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के साथ ही लंबे वक्त तक नहीं टिक पाते, उनकी नींव कहीं न कहीं कमजोर हो जाती है. उन्होंने 2016 में धरातल नाम की संस्था शुरू कर देशभर के लोगों को इससे जोड़ा. तब से वह चूने और मिट्टी के जरिए घरों को कैसे बनाया जाए और ऐतिहासिक धरोहरों का संरक्षण कैसे किया जाए के मुद्दे पर लगातार काम कर रहे हैं. वर्तमान में धरातल संस्था के दो ऑफिस हैं. एक लखनऊ और दूसरा बेल्जियम में है. जबकि खजुराहो में काम करते हुए इसी तकनीक पर कम्यूनिटी सेंटर का भवन भी बनाया है.
धरातल में पूरा साथ दे रहा बेल्जियम दोस्तबेल्जियम के रहने वाले वियोरिल एक्सिन्टे ने News18 local से खास बातचीत में बताया कि 2013 में वह बेल्जियम यूनिवर्सिटी से आर्किटेक्चर इन आर्ट्स की पढ़ाई कर रहे थे. वहीं से उनके दोस्त बने निशांत उपाध्याय ने भी अपनी मास्टर्स की डिग्री हासिल की है. इस दौरान दोनों में दोस्ती हो गई और फिर उन्होंने अपने दोस्त का साथ देते हुए बेल्जियम में धरातल संस्था की स्थापना की.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Belgium, Lucknow news, UNESCOFIRST PUBLISHED : October 12, 2022, 17:29 IST
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