लेह-लद्दाख के लिए अकेले ही बाइक से तो नहीं जा रहे? नोएडा के शख्स ने की ऐसी गलती, चुकानी पड़ी भारी कीमत

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लेह-लद्दाख के लिए अकेले ही बाइक से तो नहीं जा रहे? नोएडा के शख्स ने की ऐसी गलती, चुकानी पड़ी भारी कीमत

नोएडा. घूमने-फिरने के शौकीन लोगों की तमन्ना होती है कि वह अपनी जिंदगी में एक बार लेह-लद्दाख की यात्रा जरूर करे. इसी चाहत में वे अपनी बाइक या कार से पैदल ही इस जन्नत जैसी जगह के लिए निकल पड़ते हैं, लेकिन नोएडा के एक युवक को ऐसा करना महंगा पड़ा और उसे इसकी कीमत अपनी जान देकर चुकानी पड़ी.

दरअसल, नोएडा का 27 वर्षीय एक युवक अकेले ही बाइक से लद्दाख के लेह की यात्रा के लिए निकल गया, लेकिन क्षेत्र के ऊंचाई वाले इलाकों में ऑक्सीजन की कमी के कारण तबीयत बिगड़ने के बाद उसकी मौत हो गई. मरहूम युवक की पहचान चिन्मय शर्मा के रूप में हुई है, जो कि नोएडा में स्थित एक डिजिटल मार्केटिंग एजेंसी में काम करता था और मुजफ्फरनगर में रहने वाले अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था.

‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ की रिपोर्ट के अनुसार, शर्मा ने 22 अगस्त को यात्रा शुरू की थी. जब वह लेह पहुंचे, जो लगभग 3500 मीटर (11482 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है, तो उन्होंने अपने पिता को सिरदर्द के बारे में बताने के लिए फोन किया. उस दिन बाद में (26 अगस्त को), शर्मा ने अपने पिता को बताया कि उन्हें सांस लेने में कठिनाई हो रही है.

अपने बेटे की हालत के बारे में पता चलने पर पिता पराग शर्मा ने लेह में होटल के कर्मचारियों को फोन करके अपने बेटे को अस्पताल ले जाने को कहा. जब उसके माता-पिता लेह जा रहे थे, तो 27 वर्षीय पराग शर्मा की हालत और बिगड़ गई और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.

लेह-लद्दाख में ऊंचाई से होने वाली बीमारीपहाड़ों पर होने वाली बीमारी (एएमएस), जिसे ऊंचाई से होने वाली बीमारी के रूप में भी जाना जाता है, लेह-लद्दाख में अपने अधिक ऊंचाई वाले वातावरण के कारण एक आम चिंता का विषय है. यह बीमारी तब होती है जब शरीर ऊंचाई वाले स्थान पर कम ऑक्सीजन के स्तर को संतुलिन करने के लिए परेशानी से जूझता है. इसके लक्षणों में सिरदर्द, मतली, चक्कर आना और सांस लेने में तकलीफ शामिल हो सकते हैं. जोखिम को कम करने के लिए, ठीक से अनुकूलन करना, हाइड्रेटेड रहना, अधिक परिश्रम से बचना और जरूरी उपायों के बारे में डॉक्टर से परामर्श करना जरूरी है.

लेह-लद्दाख की यात्रा करते समय बरती जाने वाली सावधानियां:* लेह आने वाले सभी टूरिस्टों को खारदुंग ला, पैंगोंग झील आदि जैसे लेह के ऊंचे इलाकों की यात्रा शुरू करने से पहले कम से कम 48 घंटे वहां के वातावरण के अनुकूल होने में बिताने चाहिए.* लेह पहुंचने के बाद पहले दो दिनों के दौरान, टूरिस्टों को किसी भी तरह की शारीरिक गतिविधि से बचना चाहिए. पर्यटकों को हाइड्रेटेड रहना चाहिए और शराब या स्मोकिंग करने से बचना चाहिए.* यदि आप अच्छा महसूस नहीं कर रहे हैं तो आगे की यात्रा रोक दें और तुरंत डॉक्टर से बात करें.
Tags: Leh NewsFIRST PUBLISHED : September 1, 2024, 21:33 IST

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