Lakhimpur Wheat Farming: गेहूं की बुवाई से पहले किसान करें इन कीटनाशक दवाओं का छिड़काव, बंपर होगी पैदावार

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लखीमपुर खीरी:  यूपी के लखीमपुर खीरी में रबी की फसलों की बुवाई शुरू हो चुकी है. ऐसे में किसान 25 अक्टूबर से गेहूं की बुवाई करना प्रारंभ कर देते हैं. इससे गेहूं की पैदावार भी अधिक होती है. अगर आप गेहूं की बुवाई करना चाहते हैं. इस समय की गई गेहूं की बुवाई में किसानों को कम लागत में अच्छा उत्पादन मिल जाता है. अगर किसान सही समय पर गेहूं की फसल की बुवाई करते हैं, तो उनको कम लागत में अच्छा मुनाफा मिलता है.

बीज उपचार के बाद करें बुआई

ऐसे में यह जानना भी बेहद जरूरी है कि गेहूं की बुवाई कैसे करनी चाहिए, क्योंकि सही ढंग से बुवाई करने से किसानों की लागत कम होगी और समय की भी बचत होगी. इसके अलावा स्वस्थ फसल के लिए बीज उपचार करने के बाद ही गेहूं की फसल की बुवाई करें.

गेहूं की खेती करने वाले किसान ने बताया

लखीमपुर जनपद के प्रगतिशील किसान अंचल मिश्रा ने लोकल 18 से बातचीत  के दौरान बताया कि 25 अक्टूबर से गेहूं की बुवाई शुरू हो जाती है और अगर गेहूं की बुवाई करते हैं, तो बुवाई करने से एक दिन पहले गेहूं के बीजों Nano DAP, Humetsu कीटनाशक दवाओं का गेहूं के बीजों पर करें छिड़काव करें. उसके बाद बीजों को 1 दिन के लिए रख देना चाहिए.

इसके साथ ही दूसरे दिन गेहूं की बुवाई करने से पैदावार अच्छी और अधिक होगी. क्योंकि गेहूं की खेती करने से किसानों को लाखों रुपए का फायदा होता है. इस तरह से गेहूं की फसल को कम लागत में तैयार किया जा सकता है.

खेतों में है पोषक तत्वों की कमी

वर्तमान में जमीन के अंदर पोषक तत्वों की कमी के चलते फफूंद, बैक्टिरिया की मात्रा बढ़ रही है. इस कारण से किसान की फसलों में बीमारियां आती हैं. फसलों में नुकसान होता है, जिससे किसानों को भी नुकसान होता है. ऐसे में बीमारियों से बचाव के लिए बुआई से पहले बीज उपचार करना आवश्यक हो जाती है.

किसान इन बातों का रखें ध्यान

उन्होंने बताया कि बीज उपचार के बाद किसान को ध्यान रखना चाहिए कि उपचार के बाद गेहूं के बीज फूल जाते हैं. इसलिए बुवाई के समय किसान मशीन का एक नंबर ज्यादा खोल लें, ताकि गेहूं आवश्यक मात्रा में उससे निकल सके” और अच्छे तरीके से गेहूं की बुवाई हो सके.
Tags: Agriculture, Lakhimpur Kheri News, Local18, Wheat cropFIRST PUBLISHED : October 25, 2024, 10:09 IST

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