प्रियंका गांधी ने पत्र लिखकर बताया है कि वकीलों को भी उनसे नहीं मिलने दिया जा रहा है. (फाइल फोटो)UP News: सीतापुर PAC कंपाउंड में हैं प्रियंका गांधी, लखीमपुर जाते समय 4 अक्टूबर की सुबह पुलिस ने रोका था, प्रियंका गांधी ने अब पत्र लिखकर बताया कि उन्हें हिरासत में रखा गया है लेकिन उन पर आरोप क्या हैं ये नहीं बताया जा रहा.
सीतापुर. लखीमपुर में किसानों की मौत के बाद मृतकों के परिजन से मिलने जा रही कांग्रेस महासचिव और यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी ने बड़ा अरोप लगाया है. प्रियंका गांधी ने एक पत्र जारी कर कहा है कि उन्हें हिरासत में लेकर सीतापुर PAC परिसर में रखा गया है. उन्होंने कहा कि इस बात की जानकारी उन्हें डीसीपी पीयूष कुमार सिंह ने मौखिक तौर पर दी जिन्होंने उन्हें हिरासत में लिया. प्रियंका गांधी ने बताया कि उन्हें 4 अक्टूबर को सुबह 4.30 बजे हिरासत में ले लिया गया. इस दौरान वे सीतापुर जिले की सीमा में ही थीं और लखीमपुर जिले का बॉर्डर करीब 20 किमी. दूर था. प्रियंका गांधी ने कहा कि लखीमपुर में धारा 144 लगाई गई है लेकिन सीतापुर में धारा 144 नहीं लगाई गई है.उन्होंने इसके साथ ही जानकारी दी कि वे एक कार में चार लोगों के साथ थीं, जिनमें दो स्थानीय कांग्रेस कार्यकर्ता, सांसद दीपेंद्र हुड्डा और संदीप सिंह उनके साथ थे. उनके साथ सुरक्षाकर्मियों की कोई गाड़ी नहीं थी और मौजूद लोगों के अलावा कोई कार्यकर्ता भी मौजूद नहीं था. उन्होंने बताया कि हिरासत में लेने के बाद से ही उनके वकील पीएसी परिसर के बाहर खड़े हैं लेकिन उन्हें भी मिलने नहीं दिया जा रहा है.
किसी ने कोई बात नहीं कीप्रियंका गांधी ने बताया कि पीएसी परिसर में उन्हें दो महिला और दो पुरुष कॉन्स्टेबलों के साथ लाया गया. इसके बाद से ही उनसे किसी भी तरह का संपर्क नहीं किया गया है. प्रियंका गांधी ने कहा कि न ही उन्हें यूपी पुलिस या प्रशासन ने ये बताया है कि उन्हें किन धाराओं में हिरासत में लिया गया है. उन्होंने कहा कि 38 घंटे बाद भी किसी ने भी संपर्क नहीं किया है.
प्रियंका गांधी का पत्र जिसमें उन्होंने बताया है कि सीतापुर में उन्हें हिरासत में रखा गया है.
सोशल मीडिया से मिली जानकारीप्रियंका गांधी ने कहा कि उन्हें सोशल मीडिया से जानकारी मिली कि उन्हें हिरासत में लेने के दौरान 11 लोग मौजूद थे, उन्होंने कहा कि इनमें से 8 लोग तो ऐसे हैं जो उस समय वहां पर मौजूद भी नहीं थे. प्रियंका ने बताया कि चौंकाने वाली बात ये है कि उसमें पुलिस ने उन दो लोगों के नाम भी लिख दिए जो 4 अक्टूबर की दोपहर को उन्हें कपड़े देने के लिए लखनऊ से आए थे. इसी के साथ उन्होंने पत्र में लिखा कि अभी तक उन्हें किसी मजिस्ट्रेट या न्यायिक अफसर के सामने नहीं पेश किया गया है. न ही मुझे वकील से मिलने दिया जा रहा है.
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