लखीमपुर खीरी: यूपी के लखीमपुर खीरी जिले में स्थित दुधवा नेशनल पार्क में 117 साल बाद पेंटेड कीलबैक सांप की प्रजाति मिली है. हालांकि यह सांप मृत अवस्था में पाया गया. इसकी खोज सबसे पहले भारत में डॉ. थियोडोर कैंटर ने वर्ष 1839 में की थी. उत्तर प्रदेश में इसकी उपस्थिति की आखिरी पुष्टि 1907 में फैजाबाद क्षेत्र में हुई थी. जिसके बाद यह सांप दुधवा नेशनल पार्क में देखा गया है.दुधवा नेशनल पार्क के उपनिदेशक ने बतायादुधवा नेशनल पार्क के उपनिदेशक डॉ. रंगाराजू टी. ने बताया कि पेंटेड कीलबैक (जेनोक्रोफिस सेरासोगास्टर) एक दुर्लभ गैर विषैला सांप है. इसको दुधवा के नकउहा नाले के पास मृत अवस्था में पाया गया है. जहां अक्सर हाथी आते-जाते रहते हैं. माना जा रहा है कि हाथियों के पैरों के नीचे आकर यह दुर्लभ सांप मरा होगा. इस सांप को दीमक के पहाड़ के पास पाया गया. उन्होंने बताया कि दुधवा में कई ऐसी प्रजातियां हैं, जिनके बारे में किसी को पता नहीं हैं.इस प्रजाति के सांप की हुई पुष्टिदुधवा नेशनल पार्क में देश-विदेश से सैलानी टहलने के लिए पहुंचते हैं. इस साल दुधवा में 2 खोज सृप प्रजाति में हुई है. प्रसीना ग्रीन वाइन स्नेक प्रजाति का ब्राउन वाइन सांप बांकेताल क्षेत्र में पाया गया था. इसके बाद अब पेंटेड कीलबैक प्रजाति के सांप के दुधवा में होने की पुष्टि हुई है. हालांकि खोजने वाले सांप देखकर हैरान हो गए. सैलानी जिप्सी से करते हैं सैरउम्मीद जताई जा रही है कि दुधवा नेशनल पार्क में सैलानी जिप्सी पर सवार होकर जंगलों की ओर निकलते हैं. जहां जंगलों में मौजूद वन्य जीवों को देखते हैं. वहीं, दुधवा नेशनल पार्क में हाथी, हिरण, तेंदुआ और बाघ विलुप्त प्रजाति के सांप गिद्ध देखने को मिलते हैं.FIRST PUBLISHED : October 10, 2024, 11:27 IST