क्या पितृपक्ष के अलावा भी कर सकते हैं गरुड़ पुराण का पाठ? अयोध्या के ज्योतिषी से जानें नियम

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सर्वेश श्रीवास्तव/अयोध्या. सनातन धर्म में हर ग्रंथ का बहुत महत्वपूर्ण स्थान होता है. चाहे वह श्रीमद्भगवद्गीता हो, पुराण हो, रामचरितमानस हो या शिव पुराण हो, सबका अलग-अलग महत्व होता है लेकिन आज हम बात करेंगे गरुड़ पुराण की. वैसे तो हिंदू धर्म में गरुड़ पुराण एक ऐसा ग्रंथ है जिसमें मृत्यु के बाद की घटनाओं के बारे में बताया गया है. आमतौर पर इस ग्रंथ को लोग किसी परिजन की मृत्यु के बाद या पितृपक्ष के दौरान सुनते हैं या पढ़ते है. लेकिन एक बड़ा सवाल यह है कि क्या आम दिनों में गरुड़ पुराण का पाठ किया जा सकता है?

हिंदू धर्म में गरुड़ पुराण के ग्रंथ का खास महत्व माना जाता है. जिसके अधिपति श्री हरि विष्णु है. गरुड़ पुराण में मृत्यु, जन्म , स्वर्ग-नरक, पुनर्जन्म आदि के बारे में विस्तार से वर्णन भी किया गया है. इसके साथ ही कहा जाता है कि धर्म, व्रत, पूजा-पाठ और नित नियमों के बारे में भी इसी ग्रंथ में विस्तार से बताया गया है. यही वजह है कि हर व्यक्ति को गरुड़ पुराण पढ़ना चाहिए. लेकिन आज हम आपको इस रिपोर्ट में इसके नियम के बारे में भी बताएंगे तो चलिए जानते हैं.

किसे और कब पढ़ना चाहिए गरुड़ पुराण?अयोध्या के ज्योतिष पंडित कल्कि राम बताते हैं कि धार्मिक शास्त्रों के अनुसार गरुड़ पुराण घर पर तभी पढ़ा जाता है. जब किसी परिजन की मृत्यु हो जाए या या पितृपक्ष चल रहा हो उसके बाद ही इस ग्रंथ का अवलोकन किया जाता है. जिस व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है उसकी आत्मा की शांति के लिए गरुड़ पुराण का पाठ किया जाता है. ऐसा इसलिए भी कहा जाता है कि मृतक की आत्मा 13 दिनों तक घरों में ही रहती है और गरुड़ पुराण का पाठ इस दौरान करने से उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है.

क्या है गरुड़ पुराण का महत्व?वैसे तो गरुण पुराण 17 अन्य पुराणों से अलग माना जाता है. यही वजह है कि इसे पढ़ते समय कुछ सावधानी भी बरतनी चाहिए. गरुण पुराण हमेशा मृत आत्मा की शांति के लिए किया जाता है. इसका पाठ मृतक के घर पर खासतौर पर कराया जाता है. इसके साथ ही गरुड़ पुराण मोक्ष प्राप्त का साधन भी माना जाता है. घर पर गरुड़ पुराण ग्रंथ रखने से नकारात्मक शक्तियां खत्म होती हैं. रोग और दोष से भी मुक्ति मिलती है.

(नोट: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष के मुताबिक है न्यूज़ 18 इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
.Tags: Ayodhya News, Dharma Aastha, Local18, Religion 18, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : October 10, 2023, 19:30 IST



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