क्या नेपाल के हाथी और गेंडों पर डाका डालेगा भारत ? हो रही यहां बसाने की तैयारी

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क्या नेपाल के हाथी और गेंडों पर डाका डालेगा भारत ? हो रही यहां बसाने की तैयारी



सृजित अवस्थी/पीलीभीत: उत्तरप्रदेश का पीलीभीत पड़ोसी देश नेपाल से सीमा साझा करता है. वहीं दोनों देशों के जंगल भी एक दूसरे से जुड़े हैं. ऐसे में दोनों देशों के वन्यजीव भी दोनों जंगलों में विचरण करते हैं. बीते कुछ दिनों से लगातार पीलीभीत के जंगलों में नेपाली हाथी व गेंडों की आमद दर्ज की जा रही है. अब वन विभाग इन वन्यजीवों को अनुकूल वातावरण मुहैय्या करा कर उन्हें यहां बसाने की तैयारी में है.

दरअसल, पीलीभीत जिले में स्थित पीलीभीत टाइगर रिजर्व व पड़ोसी देश नेपाल की शुक्लाफांटा सेंचुरी एक दूसरे से सट कर बसे हैं. वहीं पीलीभीत व नेपाल की सीमाएं खुली हैं. ऐसे में नागरिक तो एक देश से दूसरे देश आते जाते ही हैं. लेकिन नागरिकों के साथ दोनों देशों के वन्यजीव भी खुले आम एक दूसरे के जंगलों में विचरण करते हैं.

दलदली जमीन भी है मौजूदपीलीभीत टाइगर रिजर्व के लग्घाबग्घा जंगल व आसपास के इलाकों में बीते तकरीबन एक महीने से नेपाल के जंगलों से आए हाथी व गेंडे देखे जा रहे हैं. दरअसल, पीलीभीत का लग्घाबग्घा जंगल बायोडायवर्सिटी हॉटस्पॉट माना जाता है. वहीं यहां पानी के स्रोत के साथ गेंडों के लिए दलदली जमीन भी मौजूद है. ऐसे में गेंडों व हाथियों को लग्घाबग्घा का जंगल रास आ रहा है.

वन विभाग कर रहा निगरानीअधिक जानकारी देते हुए पीलीभीत टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर ने बताया कि खुली सीमा होने के चलते दोनों ही जंगलों में वन्यजीव विचरण करते हैं. वन्यजीवों को अनुकूल वातावरण मुहैया कराया जा रहा है. वहीं निगरानी में टीम भी लगाई गई है.
.FIRST PUBLISHED : August 17, 2023, 15:54 IST



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