क्या आपको पता है बांके बिहारी मंदिर रहस्य…आखिर यहां बार-बार क्यों डाला जाता है पर्दा? जानें

admin

क्या आपको पता है बांके बिहारी मंदिर रहस्य...आखिर यहां बार-बार क्यों डाला जाता है पर्दा? जानें

निर्मल कुमार राजपूत/मथुरा: वृंदावन की गलियों में ढेर सारे मंदिर हैं. हर मंदिर में एक अनोखी प्रथा फॉलो की जाती है. जैसे बांके बिहारी मंदिर में पर्दा प्रथा का प्रचलन काफी लंबे समय से चला आ रहा है. पर हर किसी के मन में सवाल आता है कि आखिर बार-बार बांके बिहारी को पर्दा क्यों किया जाता है. इसी रहस्य के बारे में लोकल18 ने बात की मंदिर के सेवायत से.बांके बिहारी मंदिर में पर्दा क्यों लगाते हैं? वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में भगवान बांके बिहारी की सेवा पूजा बाल रूप में की जाती है. मंदिर में बाल रूप होने के कारण सेवायत पुजारी के साथ-साथ यहां आने वाले भक्त भी उन्हें लाल को लाड लडाये बिना नहीं रहते. ठाकुर जी का विग्रह इतना सुंदर है कि कोई भी व्यक्ति इस विग्रह को एक बार देख ले तो इस विग्रह के अंदर ही खो जाता है. ठाकुर जी के विग्रह में इतना तेज है, कि एक बार जिसकी नजर इस विग्रह पर पड़ गई वह ठाकुर जी को एक टक लगाकर देखना शुरू कर देता है. मंदिर के गोस्वामी बार-बार मंदिर में ठाकुर जी के समक्ष दर्शन करने आए भक्तों को पर्दा गिर कर उनका ध्यान भंग कर देते हैं.बांके बिहारी मंदिर का रहस्य ठाकुर बांके बिहारी मंदिर के सेवायत पुजारी श्रीनाथ गोस्वामी (शालू ) ने जानकारी देते हुए बताया कि ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में बाल रूप में ठाकुर जी की सेवा की जाती है. ठाकुर जी का इतना मोहिनी रूप है कि हर कोई उन्हें एक टक लगाकर देखना चाहता है. एक भक्त ने उन्हें एक टक लगाकर देख लिया, तो ठाकुर जी उस पर मोहित हो जाते हैं.सालों से चली आ रही है पर्दा गिरने की परंपराश्रीनाथ गोस्वामी ने यह भी बताया कि एक बार एक किसान बांके बिहारी मंदिर में दर्शन के लिए आया था. ठाकुर जी को उसने एक टक लगा कर देख लिया, तो ठाकुर जी उसके साथ चल दिए. गोस्वामियों को जब ठाकुर जी को किसान के साथ जाने की पता चली तो गोस्वामियों ने बिहारी जी को ढूंढना शुरू किया. कुछ दिन पूर्व ठाकुर जी को ढूंढ लिया. भगवान बांके बिहारी मंदिर में उन्हें फिर से विराजमान किया गया. तभी से यह प्रथा चली आ रही है कि उन्हें कोई भी एक टक लगाकर ना देखे. मंदिर का पर्दा बार-बार गिराया जाता है. सैकड़ों साल पुरानी यह परंपरा बुजुर्गों के समय से चली आ रही है.FIRST PUBLISHED : July 12, 2024, 15:07 IST

Source link