शिवहरि दीक्षित/हरदोई. यूपी के हरदोई के कुम्हार आज भी पारंपरिक तरीके से मिट्टी को आकार दे रहे हैं. दीपावली में भगवान की पूजा से लेकर मनुष्य के जीवन के अंतिम चरण में विदाई के वक्त हांडी तक का निर्माण करने वाले कुम्हार को शासन की योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में उन्हें जो सरकार की तरफ से मिलने वाली मूलभूत सुविधाएं होती हैं वह अधिकारियों की फाइलों में ही दबकर रह जाती हैं और इन तक नहीं पहुंच पाती हैं.
हरदोई में कुम्हारों की कई समस्याएं हैं जिसमे से कुछ हल गईं हैं मगर कुछ अभी भी बरकरार हैं. कुम्हार जगमोहन बताते हैं कि पहले मिट्टी की बहुत समस्या थी मिलना मुश्किल था जिसकी वजह से आर्थिक तंगी का भी सामना करना पड़ता था. बाद में सरकारी योजना के तहत कुम्हारों को तालाब पट्टा कर दिया गया जिससे वह मिट्टी निकालते हैं. मगर आज भी कुम्हार हाथ से ही चाक चलाने को मजबूर हैं.
नहीं मिल रहा योजनाओं का लाभजगमोहन बताते हैं कि प्रशासन की तरफ से इलेक्ट्रॉनिक चाक के लिए आवेदन मांगे गए थे. मगर कई महीनों से दौड़ाया जा रहा है. कभी अधिकारी बताते हैं कि ये कागज लाओ तो कभी कुछ कमियां निकाल देते हैं. जब सारे कागज उपलब्ध करा दिए तो साक्षरता सर्टिफिकेट मांग दिया. ऐसे में जगमोहन का कहना है कि अगर वह साक्षर ही होते तो चाक ना चला रहे होते.
हाथ से ही बदलते हैं मिट्टी का आकारहरदोई के रहने वाले कुम्हार जगमोहन प्रजापति बताते हैं कि वह मिट्टी को तालाबों से लाने के बाद उसे सुखाते हैं. सुखाने के बाद उसे दो तरह से तैयार करते हैं एक तो बिल्कुल बारीक दूसरा कुछ मोटी रखते जिससे अलग-अलग प्रकार के मिट्टी के बर्तन जैसे सुराही, घड़ा, मिट्टी की बोतल, जग, कुल्हड़ व मूर्तियां आदि चीजें बनाते हैं.
सालभर चलती है दीवाली की तैयारीहरदोई में दीवाली के लिए कुम्हार भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की मूर्ति बनाने के लिए पूरे साल भर तैयारी करते हैं. यहां के जगमोहन और ओमप्रकाश प्रजापति बताते हैं कि दीवाली में गणेश लक्ष्मी की मूर्ति की बहुत ही ज्यादा डिमांड रहती है. हरदोई के अलावा बाहर से भी लोग खरीदने के लिए आते हैं. वह थोक के साथ-साथ अपनी दुकान लगाकर भी गणेश लक्ष्मी की मूर्तियां बेंचते हैं जिसके लिए वह पूरे परिवार के साथ इसमें लगे रहते हैं.
.Tags: Hardoi News, Local18, Uttarpradesh newsFIRST PUBLISHED : September 17, 2023, 20:38 IST
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