Know why the disabled brothers of Meerut said that youth are identified by talent, not numbers. – News18 हिंदी

admin

Know why the disabled brothers of Meerut said that youth are identified by talent, not numbers. – News18 हिंदी



विशाल भटनागर/मेरठ. बोर्ड परीक्षाओं का भंवर शुरू होने वाला है जिसको लेकर युवा तनाव में रहते हैं. कई बार कठिनाइयों से उनके हौसले भी डगमगाने लगते हैं. ऐसे सभी युवाओं को मेरठ के जुड़वा दिव्यांग भाई आयुष, पीयूष से सीख लेनी चाहिए. जिन्होंने कठिन परिस्थितियों को पार करते हुए अपनी शैक्षिक गतिविधियों को जारी रखा. आज वह मेरठ ही नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश में विशेष पहचान के लिए जाने जाते हैं.आयुष और पीयूष गोयल की बात की जाए तो दोनों ही भाई सेरेब्रल पाल्सी नामक गंभीर बीमारी से ग्रस्त हैं. आयुष, पीयूष की मां सुधा गोयल बताती है कि जब दोनों का जन्म हुआ था. तब दोनों बच्चों का वजन 900- 900 ग्राम था. जो कि सामान्य तुलना में काफी कम होता है. साथ ही सेरेब्रल पाल्सी नामक गंभीर बीमारी दोनों ही भाइयों की थी. जिससे कि उनको चलने फिरने से लेकर बैठने तक में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था. लेकिन दोनों भाइयों के हौसले बुलंद थे. धीरे-धीरे उन्होंने कठिन परिस्थितियों को पार करते हुए शिक्षा के क्षेत्र में भी बेहतर उपलब्धि हासिल करते बीएड कर लिया है. दोनों भाई कहते हैं कि अब पीएचडी की तरफ रुख करेंगे.

यह भी पढ़ें- एक बार की लागत, 25 साल तक होगी बंपर कमाई, खेती में घाटे के बाद.. फल वाले से मिला ये आइडिया

कभी स्कूल में नहीं मिला था एडमिशनपीयूष बताते हैं कि एक बार जब वह स्कूल में एडमिशन लेने गए थे तो उनकी हालत देखकर स्कूल प्रशासन द्वारा एडमिशन देने से भी मना कर दिया था. जिसके बाद उन्होंने शांति निकेतन से अपनी पढ़ाई की. वह कहते हैं कि काफी बच्चे उनका मजाक भी बनाया करते थे. लेकिन उन्होंने उन सभी बातों का विशेष ध्यान न रखते हुए सिर्फ अपने भविष्य पर फोकस किया. उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा भी दोनों भाइयों के हौसलों और बुलंदियों को देखते हुए सर्वश्रेष्ठ दिव्यांगजन पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है.

माता-पिता बच्चों पर दबाव न बनाएंआयुष-पीयूष कहते हैं कि बोर्ड परीक्षा शुरू होने वाली है. ऐसे में काफी बार देखा जाता है कि माता-पिता बच्चों पर अच्छे नंबर लाने का दबाव बनाते हैं. ऐसे में उनकी सभी माता-पिता से अपील है कि बच्चों पर अच्छे नंबर लाने का दबाव ना डालें. बल्कि उनसे सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की बात करें. वह कहते हैं कि प्रत्येक व्यक्ति में अलग तरह की प्रतिभा होती है. ऐसे में अपने बच्चों को दूसरे बच्चे से कंपेयर करते हुए कहीं ना कहीं हम अपने बच्चों की प्रतिभा को छुपाते हुए बच्चों को तनाव की तरफ ले जाते हैं. ऐसे में अगर माता-पिता अपने बच्चों की प्रतिभा को पहचानते हुए आगे बढ़ाएंगे तो वह विभिन्न क्षेत्रों में नाम रोशन कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि उनके माता-पिता ने भी उनका इतनी कठिन परिस्थितियों में साथ दिया. जिसकी बदौलत वह समाज सेवा कर रहे हैं. लोगों को विभिन्न विषयों पर जागरूक करते हैं.
.Tags: Education news, Local18, Meerut news, UP newsFIRST PUBLISHED : February 19, 2024, 15:56 IST



Source link