विशाल भटनागर/मेरठ. शादी के बाद हर व्यक्ति का सपना होता है कि वह एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दे और उसकी बेहतर परवरिश करें. जिसको लेकर शादी के बाद ही विभिन्न प्रकार की योजनाओं पर भी वैवाहिक जोड़े काम करना शुरू कर देते हैं लेकिन जो सबसे जरूरी प्रेगनेंसी प्लान होना चाहिए. वह अभी तक भारत में देखने को नहीं मिल रहा है. जिस कारण न जाने कितने ऐसे बच्चे हैं जो कि विभिन्न बीमारियों से जन्मजात ही ग्रसित होते हैं. ऐसे में एक्सपर्ट का कहना है कि अगर गर्भधारण करने से पहले ही पूरी प्लानिंग की जाए. तो वह मां और बच्चे दोनों के लिए काफी बेहतर होता है.
लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज की प्रसूति और स्त्री रोग में प्रोफेसर डॉ. अरुणा वर्मा कहती है कि विदेश की बात की जाए तो जितनी भी डिलीवरी होती है. वह सभी प्रॉपर काउंसलिंग के तहत की जाती है. जिसका बेहतरीन रिजल्ट भी देखने को मिलता है. बच्चा और मां दोनों ही स्वस्थ होते हैं. लेकिन हम भारत की बात करें तो जब महिला के प्रेग्नेंट होने की बात पता चलती है. तब जाकर हम विशेषज्ञ को दिखाते हैं. कई बार तो हम लोग काफी देरी से पहुंचते हैं. जिससे मां और बच्चे दोनों के लिए कई बार दिक्कतें होती हैं. वह कहती है कि जिस तरीके से हम भविष्य को लेकर विभिन्न योजनाओं पर काम करते हैं. इस तरीके से शादी के बाद ही अगर महिला विशेषज्ञ की काउंसलिंग के तहत बच्चों की प्लानिंग करें तो मां और बच्चे दोनों ही स्वस्थ होंगें.
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जांच से पहले कर सकते हैं बीमारियों को कंट्रोलडॉ अरुण वर्मा कहती है कि बदलती खानपान शैली से लोगों में कई प्रकार की बीमारियां देखने को मिलती है. जिसमें सबसे ज्यादा बीपी, शुगर और थायराइड जैसी बीमारी होती है. जो प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए काफी खतरनाक मानी जाती है. इतना ही नहीं कई तरह की अन्य बीमारियां भी महिलाओं में देखने को मिलती है. अगर इस तरह की कोई भी समस्या महिला को होगी तो बच्चे को विभिन्न प्रकार की बीमारियां लगना स्वाभाविक है. इसमें दिल में छेद होना शारीरिक विकास न होना सहित अन्य प्रकार की बीमारियां शामिल है. वह कहती हैं कि अगर महिलाओं को पहले से किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत रही है. तो वह प्रसूति और स्त्री रोग विभाग की किसी भी एक्सपर्ट से संपर्क कर सकती है. क्योंकि संबंधित एक्सपर्ट द्वारा उसकी बीमारी को कंट्रोल करने के लिए विभिन्न प्रकार की दवाइयां का उपयोग बताया जाता है. इससे एक्सपर्ट की देख-देख में दवाइयां का संतुलन रहता है. बच्चे में किसी भी प्रकार की विसंगति नहीं रहती है.
यह गोली है काफी इंपॉर्टेंटमहिला शादी के बाद अगर folic acid दवाई का उपयोग करना शुरू कर दे. तब भी एक बेहतर बच्चों को जन्म देने में किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं होगी. क्योंकि folic acid दवाई गर्भावस्था के दौरान काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है. बताते चलें कि अगर किसी भी महिला की गर्भवती होने की बात पता चलती है. तो इस दौरान बच्चों के दिमाग से संबंधित काफी विकास हो जाता है. ऐसे में एक्सपर्ट कहते हैं कि महिला के लिए तीन से चार सप्ताह काफी महत्वपूर्ण होते हैं. अगर इस दौरान वह विशेष सावधानी रखें तो महिलाओं को किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं होगी. इसलिए एक्सपर्ट की देखरेख में काउंसलिंग जरूरी है.
.Tags: Health and Pharma News, Health News, Health tips, Local18, Meerut news, UP newsFIRST PUBLISHED : February 29, 2024, 18:37 IST
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