know why people sleep more in winters and avoid awakening in early morning nsmp | More Sleep In Winters: सर्दियों में इतनी नींद आती है कि बिस्तर छोड़ने का दिल नहीं करता…जानें इसके पीछे क्या है वजह

admin

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Reason Of More Sleep In Winters: बहुत कम लोग होते हैं जो सुबह जल्दी उठ जाया करते हैं और अपनी दिनचर्या में लग जाते हैं. ज्यादातर ऐसा देखा गया है कि सुबह के समय इतनी अच्छी नींद आती है कि बिस्तर छोड़ने का जल्दी दिल नहीं करता है. अब चाहे वो मौसम कोई भी हो. लेकिन ठंड के मौसम में नींद का मजा कुछ हद तक बढ़ जाता है. सर्दियों में खासकर सुबह के समय बहुत ही प्यारी नींद आती है. बड़ी देर तक हम बिस्तर में पड़े हुए ये सोचते रहते हैं कि थोड़ी में उठ जाएंगे, पांच मिनट बाद उठ जाएंगे, लेकिन नींद है कि पूरी ही नहीं होती. इस बात की वजह हम आपको इस आर्टिकल में बताएंगे कि आखिर सर्दियों में ही इतनी नींद क्यों आती है?  
सर्दियों में अधिक नींद आने की वजहइस बात से आप वाकिफ होंगे कि सर्दियों का मौसम आते ही दिन छोटा और रात लंबी होने लगती है. इसी के साथ व्यक्ति को ठंड में दिन के समय भी सोने की इच्छा होती है. अब इसकी वजह यह है कि ठंड में सूरज जरा देर से नजर आता है. ऐसा माना गया है कि जब धरती पर सूर्य की रोशनी कम समय के लिए आती है तो इसका असर हमारी बॉडी और बायॉलजिकल सिस्टम पर भी पड़ता है. धूप कम मिलने से हमारे शरीर में मेलेटोनिन का लेवल बढ़ जाता है. मेलेटोनिन एक ऐसा हॉर्मोन है, जो नींद लाने का काम करता है. यही वजह है कि सर्दी के मौसम में दिन के समय भी सुस्ती के साथ नींद आने लगती है. 
सर्दियों में क्यों नहीं होता बिस्तर छोड़ने का मन- 
सर्दियों में अधिक नींद आने का कारण तो हमने आपको बता दिया. अब हम आपको बताते हैं किन कारणों से बिस्तर से निकलने का मन नहीं करता है. दरअसल, धूप कम मिलने के कारण शरीर में विटामिन-डी की कमी हो जाती है, जिससे कमजोरी लगती है और ठंड भी अधिक लगती है. वहीं मेलेटोनिन की अधिकता से शरीर में आलस पैदा होता है और नींद पूरी होने के बाद भी बिस्तर से निकलने का दिल नहीं करता है. इसके अलावा ठंड में लोगों का खान-पान काफी बिगड़ जाता है. इसलिए कोशिश करें कि बॉडी को गर्म रखने वाली चीजें अधिक खाएं. इसके लिए आप सर्दियों में गुड़ खाएं, धूप में बैठें, कान और गले को ढककर रखें, हल्दी-दूध का सेवन करें, अदरक-तुलसी की चाय पिएं, हर दिन एक्सरसाइज जरूर करें. साथ ही आप विटामिन-डी के सप्लिमेंट्स भी ले सकते हैं. 
Disclaimer: इस जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है. हालांकि इसकी नैतिक जिम्मेदारी ज़ी न्यूज़ हिन्दी की नहीं है. हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें. हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है. 



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