कन्नौज में जमीन हो रही बंजर! विशेषज्ञों ने किसानों को चेताया, बताए बचाव के उपाय

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कन्नौज में जमीन हो रही बंजर! विशेषज्ञों ने किसानों को चेताया, बताए बचाव के उपाय



अंजली शर्मा/कन्नौज. कन्नौज में प्रदूषण की मार और रासायनिक उर्वरकों के अधिक प्रयोग से मिट्टी की सेहत बिगड़ रही है. समय रहते यदि चेते नहीं तो जिले में बेहतर फसल उत्पादन तो दूर की बात अधिकांश भूमि के बंजर होने का डर है. नाइट्रोजन अधिक इस्तेमाल होने से संकट गहरा सकता है. ऐसे में अब कृषि विभाग की तरफ से किसानों को जागरूक किया जा रहा है कि किस तरह वे जमीन को बचा सकते हैं.

जनपद में करीब एक लाख पांच हजार हेक्टेयर भूमि खेती के लायक है. करीब 2 लाख 45 हज़ार किसान इससे जुड़े हैं. जनपद में सबसे अधिक आलू, गेहूं, मक्का और धान की खेती होती है. जिले में रासायनिक उर्वरकों का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल किया जा रहा है. कृषि विभाग की सर्वे रिपोर्ट में आया है कि यहां नाइट्रोजन का अधिक प्रयोग किया जा रहा है, जिससे खेतों पर बंजर भूमि होने का संकट मंडराने लगा है.

नाइट्रोजन की ओवरडोजनाइट्रोजन की ओवरडोज खेतों में डालने से आने वाले समय में यह संकट और भी बड़ा खड़ा हो सकता है. मिट्टी और मानव दोनों के लिए यह अधिकता हानिकारक है. कृषि विभाग की रिपोर्ट शासन को भेजी जा चुकी है. सुश्रुत तत्वों की कमी तथा अन्य तत्वों का संतुलन गड़बड़ा रहा है.

ऐसे करें जांचकृषि विभाग के अधिकारी आवेश कुमार सिंह ने बताया कि धान की फसल में नाइट्रोजन का स्तर 150 किलोग्राम, आलू का 180 किलोग्राम तथा गेहूं में 150 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर होना चाहिए. यहां के किसान 200 के पार नाइट्रोजन का प्रयोग कर रहे हैं. जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि मृदा परीक्षण के लिए छिबरामऊ और सदर में तहसील प्रयोगशाला बनाई गई हैं. नाइट्रोजन फास्फोरस, पोटाश सल्फर, जिंक, बोरान आदि से मिट्टी की जांच कराई जा रही है. किसानों को यह जांच करा कर देखना चाहिए मिट्टी में किस तत्व की कमी है उसी हिसाब से उर्वरकों का प्रयोग करें.

कैसे करें बचावलगातार बढ़ रहा प्रदूषण और किसानों के द्वारा जरूरत से ज्यादा इन रसायनों का प्रयोग अपनी खेती में किया जा रहा है. ऐसे में किसानों को अब बहुत सतर्क रहने की जरूरत है. अपने अपने खेतों की मिट्टियों की जांच प्रयोगशाला में करवाएं और जानें की मिट्टी में किस तरह के रसायन की कितनी जरूरत है. जिसके बाद जरूरत के हिसाब से ही अपने खेतों में जरूरी रसायनों का प्रयोग करें. जिससे किसान अपनी फसल को भी बचाएंगे और इससे होने वाले दुष्परिणामों को भी आगामी समय में रोके.
.Tags: Farmer, Kannauj news, Local18, Up news in hindiFIRST PUBLISHED : June 21, 2023, 22:49 IST



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