‘क्लास बंक करके शूटिंग रेंज पहुंच गई थी’, ओलंपिक में दो मेडल जीतने वाली मनु ने खोला बड़ा राज| Hindi News

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'क्लास बंक करके शूटिंग रेंज पहुंच गई थी', ओलंपिक में दो मेडल जीतने वाली मनु ने खोला बड़ा राज| Hindi News



Paris Olympics 2024: ओलंपिक गेम्स में भारत का नाम रोशन करने वाली ‘मिरेकल गर्ल’ मनु भाकर का पूरा देश मुरीद हो गया है. मनु भाकर ने एक ही ओलंपिक में दो मेडल जीतकर इतिहास रच दिया है. मनु भाकर ने पेरिस ओलंपिक गेम्स 2024 में  निशानेबाजी की स्पर्धा में दो ब्रॉन्ज मेडल जीते हैं. आजादी के बाद मनु भाकर एक ही ओलंपिक में 2 मेडल जीतने वाली पहली भारतीय हैं. इससे पहले किसी भी पुरुष या महिला एथलिट ने एक ही ओलंपिक में दो मेडल नहीं जीते हैं. आजादी से पहले ब्रिटिश मूल के भारतीय खिलाड़ी नॉर्मन प्रिचार्ड ने 1900 ओलंपिक में 200 मीटर फर्राटा और 200 मीटर बाधा दौड़ में सिल्वर मेडल जीते थे. नॉर्मन प्रिचार्ड ने आजादी से पहले एक ही ओलंपिक में 2 मेडल जीतने का रिकॉर्ड बनाया था. 
ओलंपिक में दो मेडल जीतने वाली मनु ने खोला बड़ा राज
पेरिस ओलंपिक गेम्स 2024 में भारत का झंडा गाड़ने के बाद मनु भाकर ने Zee News के साथ खास बातचीत की है. मनु भाकर ने ज़ी न्यूज़ को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में बताया कि पेरिस ओलंपिक गेम्स 2024 में उनकी कामयाबी का ऐसा क्या सीक्रेट रहा है, जिससे उन्होंने दो ब्रॉन्ज मेडल जीतकर इतिहास ही रच दिया है. मनु भाकर ने कहा, ‘पेरिस ओलंपिक में मेरी पूरी जर्नी बहुत बेहतरीन रही है और सारे मैच मैंने बहुत बेहतरीन तरीके से खेले हैं. टोक्यो से यहां तक की जर्नी हालांकि इतनी आसान नहीं रही है. बहुत सारी जो समस्याएं और मुसीबतें आई उसको पीछे छोड़ते हुए हम यहां तक पहुंचे हैं. मेरी टीम का काफी सपोर्ट रहा है. मेरी टीम के सभी लोगों ने काफी बलिदान दिए हैं, जिससे मैं ये मेडल्स देश के लिए ला पाई हूं.’ 

‘क्लास बंक करके शूटिंग रेंज पहुंच गई थी’
मनु भाकर ने आगे कहा, ‘हम एक या दो दिन में जब भी घर वापस आ रहे हैं तो दो मेडल्स लेकर वापस आएंगे. मुझे बेहद खुशी है कि मैं वह माध्यम बनी, जिसकी वजह से पेरिस ओलंपिक में भारत को दो मेडल्स मिले हैं. मुझे बहुत खुशी है इस बात की और आपका बहुत-बहुत धन्यवाद इतना सारा प्यार देने के लिए.’ मनु भाकर ने खुद से जुड़ा अपना एक किस्सा बताया है जब वह पहली बार क्लास बंक करके शूटिंग रेंज में गई थी. मनु भाकर ने कहा, ‘शूटिंग मैंने तब शुरू की थी, जब मैं क्लास बंक करके शूटिंग रेंज में गई थी. वहां से मेरी कहानी शुरू हुई. पढ़ाई भी मैं मन लगाकर करती हूं. इसके अलावा जो भी काम मैं करती हूं, बस मन लगाकर करती हूं.’ मनु भाकर ने इसके अलावा बताया कि उन्हें घुड़सवारी, शूटिंग और पढ़ाई करना बहुत पसंद है. मनु भाकर ने कहा, ‘मुझ में और बाकी लोगों में कोई ज्यादा अंतर नहीं है, बस एक विल पावर का है और कंसिस्टेंसी का है.’  
मनु भाकर का हरियाणा से गहरा नाता
‘मिरेकल गर्ल’ मनु भाकर का हरियाणा से गहरा नाता है. 18 फरवरी 2002 को मनु भाकर का जन्म हरियाणा के झज्जर जिले के गोरिया गांव में हुआ था. बचपन में शूटिंग से पहले मनु भाकर को बॉक्सिंग, स्केटिंग, एथलेटिक्स, टेनिस और जूडो कराटे जैसे दूसरे स्पोर्ट्स में भी इंटरेस्ट था. मनु भाकर की सफलता में उनके माता-पिता और उनके कोच जसपाल राणा का बहुत बड़ा योगदान रहा है. मनु भाकर के पिता राम किशन भाकर मर्चेंट नेवी में चीफ इंजीनियर के पद पर कार्यरत थे. मनु भाकर की मां स्कूल में प्रिंसिपल हैं. 
मनु के पिता ने दी थी बड़ी कुर्बानी  
मनु भाकर के पिता राम किशन ने बेटी के सपनों के लिए अपनी नौकरी तक को कुर्बान किया था. पिता राम किशन ने बेटी मनु भाकर को ट्रेनिंग के लिए पिस्टल लाकर दी और उन्हें ट्रेनिंग सेंटर तक पहुंचाने और घर लाने की जिम्मेदारी संभाली. मनु भाकर के पिता राम किशन ने एक इंटरव्यू में कहा कि वे थोड़े अंधविश्वासी है और जब भी मनु कोई बड़ा मैच खेलती हैं तो वे टेलीविजन बंद कर देते हैं.



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