Selfless Cricketers: क्रिकेट का टैलेंट भारत में कूट-कूटकर भरा है. टीम इंडिया में आते ही कई क्रिकेटर्स अपनेखेल से रिकॉर्ड्स पर बुरी तरह टूट पड़ते हैं. इसका रिजल्ट भी उन्हें मिलता है और एक दिन दुनियाभर में नाम चलता है. लेकिन कुछ ऐसे खिलाड़ी आए जिन्होंने टीम इंडिया के लिए रिकॉर्ड्स ही नहीं जान की तक परवाह नहीं की. हम ऐसे ही 3 खिलाड़ियों की बात करने जा रहे हैं जिन्होंने छुपे रुस्तम की तरह देश के लिए बहुमूल्य योगदान दे दिया.
1. युवराज सिंह
लिस्ट में पहला नाम युवराज सिंह का है जो आज गुमनाम बादशाह की तरह रहते हैं. रोहित-कोहली क्रिकेट जगत में जो शुमार मिला उससे युवराज काफी पीछे हैं. लेकिन ये वो खिलाड़ी है जिसने क्रिकेट के मैदान पर भी अपनी जान की परवाह नहीं की. कई खिलाड़ी हल्की इंजरी के चलते भी मैदान छोड़ देते हैं. लेकिन युवराज वर्ल्ड कप 2011 में देश के लिए मर-मिटने को तैयार थे. मैदान पर खून की उल्टी हुई लेकिन युवराज भारत को ट्रॉफी जिताकर ही माने. वह उस वर्ल्ड कप में प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट बने थे. लेकिन बाद में कैंसर उनके करियर में दीवार बना, लेकिन युवी ने घातक बीमारी को मात देकर भी क्रिकेट में वापसी कर ली.
2. एमएस धोनी
धोनी, वो कप्तान जो किसी भी परिचय का मोहताज नहीं है. रिकॉर्डबुक खोलें तो नाम के हिसाब से धोनी काफी पीछे हैं. लेकिन उनके पास 3 आईसीसी ट्रॉफी हैं जो आम बात हीं है. धोनी ने अपनी बल्लेबाजी को कभी प्रमोट नहीं किया. युवाओं को खुद से आगे रखा. रोहित-कोहली जैसे खिलाड़ियों को जीरो से हीरो बना दिया. धोनी खुद के लिए कभी नहीं खेले. यहां तक मौजूदा कोच गंभीर ने भी एक बार कहा था कि यदि धोनी 3 नंबर पर बैटिंग करते तो कई रिकॉर्डस बनाते.
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3. सुरेश रैना
सुरेश रैना, वो नाम जो मिडिल ऑर्डर में ही पूरी टीम का बोझ लेकर चलता था. रैना कभी बैटिंग, कभी बॉलिंग तो कभी फील्डिंग से विरोधी टीम की कमर तोड़ देते थे. जहां भी कप्तान कहता वहां बैटिंग करते और उनके ताबड़तोड़ 30-40 रन का फासला ही टीम को जीत दिला देता. बड़े-बड़े टूर्नामेंट्स में रैना का टीम इंडिया की जीत में बहुमूल्य योगदान रहा. सेल्फलेस क्रिकेटर्स में रैना भी लिस्ट में शामिल हैं.