किसानों की महापंचायत आज, कई राज्यों के अन्नदाता भरेंगे हुंकार, सुरक्षा चाक-चौबंद- up news kisan mahapanchayat in muzaffarnagar today police on high alert upat – News18 Hindi

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किसानों की महापंचायत आज, कई राज्यों के अन्नदाता भरेंगे हुंकार, सुरक्षा चाक-चौबंद- up news kisan mahapanchayat in muzaffarnagar today police on high alert upat – News18 Hindi



लखनऊ. केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में मुजफ्फरनगर में रविवार (5 सितंबर) को किसानों की महापंचायत होने वाली है. सरकार से लेकर स्थानीय प्रशासन तक की इस पर नजर है. यही वजह है कि प्रशासन ने महापंचायत से पहले निगरानी के पुख्ता इंतजाम किए हैं. प्रशासन ने 1000 से अधिक कर्मियों वाली पीएसी की आठ कंपनियों और इसके अलावा मेरठ क्षेत्र के सभी जिलों के लगभग एक हजार से अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है.
जिस जगह महापंचायत हो रही है, उसके अलावा शहर के अन्य इलाकों में भी सुरक्षाबल की तैनाती की गई है. अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस अधीक्षक (मुजफ्फरनगर) अभिषेक यादव ने कहा, “मुजफ्फरनगर के अलावा सहारनपुर, मेरठ, गाजियाबाद, शामली और बागपत जिलों के करीब 1000 पुलिसकर्मी 5 सितंबर को कार्यक्रम स्थल की ओर जाने वाले राजमार्गों और लिंक रोड पर तैनात होंगे.” उन्होंने कहा कि महापंचायत के दौरान किसी भी अनहोनी को रोकने के लिए डिजिटल कैमरों से लैस विशेष ड्रोन हर सेकंड घटना की लाइव तस्वीरें भेजेंगे. सुरक्षा के लिहाज से मुजफ्फरनगर के सभी चौराहों पर सीसीटीवी लगाए जाएंगे.
भारतीय किसान संघ (बीकेयू) द्वारा आहूत और केंद्र के नए कृषि कानूनों की मुखाफलत कर रहे कई संगठनों द्वारा समर्थित किसान महापंचायत मुजफ्फरनगर के राजकीय इंटर कॉलेज मैदान में आयोजित की जाएगी. आयोजकों ने दावा किया है कि यह महापंचायत एक स्थान पर किसानों की अब तक की सबसे बड़ी सभा होगी जहां वे ‘उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड विधानसभा चुनावों में भाजपा की हार सुनिश्चित करने के लिए पश्चिम बंगाल मॉडल को पुनर्जीवित करने की रणनीति तैयार करेंगे.’
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भारतीय किसान संघ के मीडिया प्रभारी धर्मेन्द्र मलिक ने कहा, “नरेंद्र मोदी सरकार उन तीन कठोर कृषि कानूनों के बारे में हमारी शिकायतें सुनने के लिए तैयार नहीं है, जो किसानों के लिए मौत की घंटी बजाने को तैयार हैं और केवल कुछ चुनिंदा पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए बनाए गए हैं. किसानों के लिए मुजफ्फरनगर से भाजपा को उखाड़ फेंकने का अभियान शुरू करने का समय आ गया है, क्योंकि यहीं से भाजपा ने अपनी राजनीतिक फसल काटी और केंद्र एवं राज्य में सांप्रदायिकता के बीज बोकर सत्ता हथिया ली.”
सभी स्थानीय खापों और किसान संघों के अलावा, सभी गैर-भाजपा दलों ने महापंचायत को अपना समर्थन दिया है. राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) ने दावा किया है कि वह 4 से 5 सितंबर तक मुजफ्फरनगर में कम से कम 10,000 किसानों के ठहरने की व्यवस्था करेगा.



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