अंजली शर्मा/कन्नौज: इस समय किसानों के लिए उनकी फसलों में डाले जाने वाली सबसे महत्वपूर्ण चीज डीएपी कई केंद्रों में नहीं मिल रही है. ऐसे में किसानों को बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. मजबूरी में किसान बाहर से डीएपी अधिक दामों में खरीदने को मजबूर हो रहा है. ऐसे में अगर समय रहते उनको पर्याप्त मात्रा में डीएपी नहीं मिलती तो उनकी फसल में भी इसका बहुत बड़ा असर देखने को मिल सकता है.
इस समय रबि की फसल की बुवाई के लिए किसानों के खेत तैयार हैं. ऐसे में कई समितियां पर डीएपी नहीं मिलने से किसान बहुत परेशान है. किसानों को आलू, गेहूं, सरसों, चना एवं लहसुन की बुवाई करनी है जिसके लिए किसानों को डीएपी की आवश्यकता पड़ती है. सहकारी समिति पर जहां डीएपी 1350 रुपए में मिलती है. वहीं खुले बाजार में किसानों को यह 1450 रुपए से लेकर 1550 ₹ की कीमत में मिल रही है. ऐसे में किसानों को अधिक पैसे देने पर मजबूर होना पड़ रहा है.
डीएपी खाद की जबरदस्त किल्लतकैथन पुरवा निवासी किसान इमनलाल ने बताया कि आलू की फसल के लिए डीएपी की आवश्यकता है लेकिन सहकारी समिति के चक्कर काटने के बाद भी डीएपी नहीं मिल रही है. अगर डीएपी नहीं मिली तो फसल का नुकसान होगा. बाजार में मजबूरी में अधिक दाम पर डीएपी खरीदनी पड़ेगी. वहीं सीतापूर्वा गांव के किसान जगदीश ने बताया कि चार दिन से डीएपी खाद के लिए भटक रहे हैं. शुक्रवार को सहकारी समिति पर खाद लेने पहुंचे तो सचिव ने डीएपी खत्म होने की बात कह दी. अब मजबूरी में प्राइवेट में खाद खरीदनी पड़ेगी.
क्या बोले अधिकारीसहकारी समिति तालग्राम के सचिव सत्यवीर सिंह यादव ने बताया कि 1 अक्टूबर को 700 बोरी डीएपी और 700 बोरी एनपी मिली थी. शुक्रवार को एनपीके का स्टॉक खत्म हो गया है. आने पर यह वितरित की जाएगी जबकि अभी इस समय यूरिया उपलब्ध है.
.Tags: Kannauj news, Local18FIRST PUBLISHED : October 30, 2023, 21:49 IST
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