किसानों का प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से हुआ मोहभंग! हापुड़ में मात्र 2 प्रतिशत लोगों ने दिखाया इंटरेस्ट

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किसानों का प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से हुआ मोहभंग! हापुड़ में मात्र 2 प्रतिशत लोगों ने दिखाया इंटरेस्ट



अभिषेक माथुर/हापुड़. पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी के चलते उत्तर भारत में कड़ाके की सर्दी पड़ रही है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले में न्यूनतम तापमान भी 5 से 7 डिग्री सेल्सियस के बीच बना हुआ है. कोहरे के कारण दृश्यता भी 5 मीटर से कम है. ऐसे में किसानों को फसलों के खराब होने का डर सता रहा है. बदलते मौसम को देख कृषि विशेषज्ञों ने पाला पड़ने की आशंका जताई है.

ऐसे में किसानों को आर्थिक नुकसान हो सकता है. किसानों को नुकसान से बचाने के लिए कृषि अधिकारियों ने रणनीति बनाई है. अब पीएम फसल योजना के तहत फसलों का बीमा कराने के लिए अधिकारी गांव-गांव खेतों में जाकर किसानों को इसकी जानकारी देंगे और उनका बीमा कराएंगे.

आज से शुरू हुआ अभियानप्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के हापुड़ जिले के जिला समन्वयक अनूप कुमार ने बताया कि विभाग द्वारा 15 जनवरी से किसानों को पीएम फसल बीमा योजना के बारे में जागरूक करने की शुरूआत हो गई है. किसानों को बीमा योजना से जुड़े अधिकारी गांव-गांव खेतों में जाकर किसानों को पीएम फसल बीमा योजना की जानकारी देंगे. उन्हें बताया जाएगा कि यदि प्राकृतिक आपदा व अन्य किसी तरह से उनकी फसल को नुकसान होता है, तो उन्हें इस बीमा योजना की मदद से उनकी फसल का मुआवजा मिल सकता है.

किसानों में जागरूकता का अभावआपको बता दें कि हापुड़ जिले के किसानों ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में अभी तक अपनी कोई खास रूचि नहीं दिखाई है. जिले के एक लाख 11 हजार किसानों में मात्र दो प्रतिशत से भी कम किसानों ने पीएम फसल योजना के तहत बीमा कराया है. यही वजह है कि पीएम फसल बीमा योजना से जुड़े अधिकारी व कर्मचारी अब किसानों के घर-घर जाकर दस्तक देंगे और उनकी फसलों का बीमा करेंगे.

क्या है प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना?प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के माध्यम से किसानों को फसलों के नुकसान के एवज में बीमा कवर दिया जाता है. इस योजना के जरिए रबी फसलों के लिए बीमा कवर का प्रीमियम 1.5 फीसद है. जबकि सरकार 50 फीसदी सब्सिडी देती है. जिसका मतलब यह है कि किसानों को बस 0.75 प्रतिशत प्रीमियम का भुगतान करना होता है.

इन कागजों की होगी जरूरत⦁ फसल बीमा के लिए आवेदन पत्र⦁ बुआई का प्रमाण-पत्र⦁ जिस खेत में फसल बोई गई है उस खेत का नक्शा⦁ खेत का खसरा नंबर⦁ आधार कार्ड⦁ बैंक पासबुक⦁ पासपोर्ट साइज का फोटो
.Tags: Hapur News, Local18, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : January 15, 2024, 21:45 IST



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