Last Updated:March 19, 2025, 21:05 ISThow to make soil more fertile: जनसंख्या बढ़ने से अनाज की खपत तो बढ़ ही रही है लेकिन चिंता की बात यह है कि इसकी पैदावार घट रही है.फाइल फोटो झांसी: फसलों को हृष्ट-पुष्ट करने वाली मिट्टी अब मरती जा रही है. खेत की गुणवत्ता बढ़ाने वाले जीवांश और बैक्टीरिया की मात्रा लगातार कम होती जा रही है. ये सब रासायनिक खाद के अंधाधुंध प्रयोग और लगातार हो रही खेती से हो रहा है. इसका एक कारण अधिक पानी वाली फसल भी है, जिसने खेतों की मिट्टी का जीवन खराब कर दिया है. रही-सही कसर कृषि यंत्रों ने पूरी कर दी है. इसने धरती का सीना चीरकर फसलों के लिए फायदेमंद कीटाणुओं की जिन्दगी तक छीन ली है.
लगातार घट रही पैदावारफसलों के लिए खेतों की मिट्टी में 41 प्रतिशत से अधिक जीवाणु होना जरूरी है. यही जीवाणु फसलों के लिए मुख्य भोजन होते हैं. बुन्देलखण्ड में महज 0.6 प्रतिशत ही जीवाणु बचे हैं. कृषि विभाग के उप-निदेशक का मानना है कि पेस्टिसाइड ने जमीन में पाए जाने वाले जीवों और जीवन को खत्म कर दिया है. यही नहीं, किसान खुद अपनी जमीन के दुश्मन बन गए है. रसायनिक खाद आने के बाद किसान ऑर्गेनिक खाद का प्रयोग करना भूल गए हैं.
उन्होंने यह भी कहा कि किसान अब हल से नहीं बल्कि 3-4 टन वजनी ट्रैक्टर की मदद से खेती करते हैं. उसके नीचे दबकर जीवांश मर जाते हैं. नकदी फसल के लालच ने उन्हें गेहूं और चने का उत्पादन बढ़ाने को प्ररित किया. यही कारण है कि जिन जीवाणु से मिट्टी को पौष्टिकता मिलती है वह अब खत्म हो गए हैं.नहीं दिया ध्यान तो होगा भारी नुकसानजीवांश खत्म होने से जहां फसलों को 2 जुताई की जरूरत पड़ती थी वहीं अब 4 जुताई करना पड़ती है. 4 की जगह 6 बार सिंचाई करनी होती है और 2 की जगह 1 कुन्तल ही पैदावार होती है. इसे ठीक करने के लिए किसानों को पंचभूत खेती पर आश्रित होना पड़ेगा. इसके लिए भूमि को उपजाऊ बनाने, जलाशय के भंडार बनाने और खेतों के पास पर्याप्त मात्रा में जंगल खड़े करने होगे. इसके साथ ही वर्षा जल को रिचार्ज करने की व्यवस्था करना होगी.
कृषि विभाग के डॉ. वी.के. सचान ने बताया कि मिट्टी को जीवित करने के लिए प्राकृतिक खेती जरूरी है. 99 प्रतिशत भूमि की उर्वरता खराब हो गयी है. आने वाले समय में पानी का घोर संकट खड़ा होने का खतरा है. किसान अभी भी ध्यान नहीं देते हैं तो अन्न का खतरा पैदा हो सकता है.
Location :Jhansi,Uttar PradeshFirst Published :March 19, 2025, 21:05 ISThomeagricultureकिसान खुद बन रहे हैं अपने खेतों के दुश्मन, इसलिए घट रही है फसलों की पैदावार