बहराइच: जिले के शेख दहिर गांव के प्रगतिशील किसान जियाउल हक ने कृषि क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देकर जिले का नाम रोशन किया है. मसूर की खेती में उनकी उपलब्धियों के लिए उन्हें इंटीग्रल यूनिवर्सिटी, लखनऊ में सम्मानित किया गया. किसान जियाउल को “एक्सीलेंस अवार्ड” के साथ ₹7,000 का नकद पुरस्कार दिया गया. यह सम्मान उन्हें बहराइच कृषि विज्ञान केंद्र के सहयोग से आयोजित किसान दिवस कार्यक्रम में दिया गया.
जियाउल हक ने बताया कि उनकी सफलता का श्रेय समय पर बुआई, उचित खाद-पानी और फसल की देखरेख को जाता है. उनके प्रयासों के कारण जिले स्तर पर मसूर उत्पादन में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ. उन्होंने जिस मसूर की खेती की, उसकी प्रजाति पीएल 02 थी, जो उन्हें बहराइच कृषि विज्ञान केंद्र से उपलब्ध कराई गई थी.
किसान दिवस पर सम्मानित23 दिसंबर 2024 को इंटीग्रल यूनिवर्सिटी, लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम में जियाउल हक को यह सम्मान दिया गया. इस दौरान कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों ने भी उनकी मेहनत और उपलब्धियों की सराहना की.
क्या है ‘एक्सीलेंस अवार्ड’?एक्सीलेंस अवार्ड कृषि क्षेत्र में उन किसानों को दिया जाता है जो फसल उत्पादन में दूसरों की अपेक्षा बेहतर प्रदर्शन करते हैं.
प्रथम स्थान: ₹7,000 का नकद पुरस्कारद्वितीय स्थान: ₹5,000 का नकद पुरस्कारतृतीय स्थान: ₹3,000 का नकद पुरस्कारयह अवार्ड किसानों को प्रोत्साहित करने और कृषि क्षेत्र में उनके योगदान को मान्यता देने के लिए प्रदान किया जाता है.
सफलता का मंत्रकिसान जियाउल हक ने कहा, “मसूर की खेती में सफलता का राज़ फसल की समय पर बुआई, नियमित देखरेख और बहराइच कृषि विज्ञान केंद्र के मार्गदर्शन में की गई मेहनत है.” उनकी इस उपलब्धि ने न केवल उनकी मेहनत को पहचान दिलाई, बल्कि अन्य किसानों को प्रेरित करने का भी काम किया है.
Tags: Agriculture, Local18FIRST PUBLISHED : January 7, 2025, 11:49 IST