सौरव पाल/मथुराः ब्रज में हर दिन लाखों की संख्या में भक्त मंदिरों में दर्शन करने आते है. लेकिन ज्यादातर लोग बांके बिहारी, प्रेम मंदिर , निधिवन और कृष्ण जन्मस्थान मंदिर के दर्शन कर ही लौट जाते है. लेकिन ब्रज में आज भी कई ऐसे मंदिर और प्रतिमायें मौजूद हैं जिन्हें देखकर ही लगता है कि वो हजारों साल पुरानी है. ऐसा ही एक मंदिर है मथुरा का वामन और राजा बलि का मंदिर.
मथुरा नगर निगम के कार्यालय के पास मौजूद वामन देव और राजा बलि का मंदिर. ऐसा कहा जाता है कि कैसे स्वर्ग और पृथ्वी पर विजय पाने के बाद राजबली ने ब्रह्मांड विजय के लिए यज्ञ का आयोजन किया. जहां भगवान विष्णु ने वामन रूप धारण कर उनसे दान में तीन पग भूमि मांगी और भगवान में वीके पैर से धरती और दूसरे पैर से स्वर्ग नाप दिया और अंतिम पग को राजा बलि ने अपने सर पर रख अपना शरीर भी दान में दे दिया.
यह मथुरा का इकलौता मंदिरराजबली और वामन भगवान का यह मथुरा का इकलौता मंदिर है. इसके साथ ही यहां मौजूद प्रतिमाओं के पीछे एक अनोखी कहानी भी छिपी हुई है. मंदिर सेवायत आकाश ने बताया कि भगवान वामन और राजा बलि का यह विग्रह मंदिर के पास से ही खुदाई के दौरान सन् 1966 में निकले थे. मूर्ति निकलने के बाद जब लोगों ने मूर्ति को उठाकर दूसरी जगह रखने का प्रयास किया तो 100 लोग मिलकर भी मूर्ति को न हिला सके.
अपने आप इस स्थान पर स्थापित हो गई मूर्तियांआकाश ने दावा किया कि उनके दादा जी ने इन मूर्तियों की पूजा की और अगले दिन यह सभी मूर्तियां यहां आकर अपने आप इस स्थान पर स्थापित हो गई और तभी से इस स्थान पर मंदिर बना दिया गया. इसके साथ ही इस मंदिर में महाराज बलि के सीधे हाथ की तरफ राक्षसों के गुरु शुक्राचार्य और बाएं हाथ की तरफ भगवान विष्णु की प्रतिमा भी स्थापित है.
(NOTE: इस खबर में दी गई सभी जानकारियां और तथ्य मान्यताओं के आधार पर हैं. LOCAL 18 किसी भी तथ्य की पुष्टि नहीं करता है.)
.Tags: Local18, Religion 18FIRST PUBLISHED : December 8, 2023, 10:44 IST
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