खेती के लिए एडवांस मशीनरी खरीदनी है तो बेस्ट है ये जगह, कम कीमत के साथ मिलता है अनुदान

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Last Updated:January 13, 2025, 11:20 ISTChanduali: कृषि यंत्रों से खेती आसान हो जाती है और चंदौली में अगर आपको एडवांस कृषि यंत्र लेने हैं तो यहां संपर्क कर सकते हैं. यहां खेती किसानी से जुड़ी जरूरी मशीनरी मिल जाएगी जो पैदावार बढ़ाने में मदद करेगी. चंदौली: अक्सर यह देखा गया है कि कम कृषि क्षेत्र में कम उत्पादकता और कम आय के पीछे मुख्य कारण यह है कि अधिकतर किसान अपने खेतों में सही मशीनों या उपकरणों का उपयोग नहीं कर पाते हैं. यहां तक ​​कि अधिकांश किसान कृषि उपकरणों का उपयोग नहीं कर रहे हैं तथा कुछ किसान बिना टैक्टर के भी खेती कर रहे हैं. इसीलिए खेत सही तरीके से तैयार नहीं हो पाते और फसल की उत्पादन क्षमता कम हो जाती है.

आज कल नई तकनीकों का विकास हो रहा है और लोग नई तकनीकी उत्पादों का उपयोग कर कृषि क्षेत्र को विकसित कर रहे हैं. इन्ही सभी मशीनों के बारे में लोकल 18 की टीम ने मारुति कृषि यंत्र के प्रॉपराइटर मनीष कुमार यादव से खास बातचीत की.

ऑर्डर के अनुरूप बनाए जाते हैं यंत्र भारत कृषि प्रधान देश है, जहां खेती करने के लिए बदलते समय के साथ नए यंत्रों का होना जरूरी है. बढ़ती आबादी के अनुरूप नई फसलों को लगाने के लिए समय पर यंत्रों का उपलब्ध नहीं होने से अक्सर किसान खेती में पीछे हो जाते हैं. इन किसानों को आगे बढ़ाने के लिए चंदौली के मारुति कृषि यंत्र इन दिनों किसानों के लिए कृषि यंत्र का हब बना हुआ है. यहां सभी प्रकार के पुराने यंत्रों के साथ नई-नई टेक्नोलॉजी के तहत बनाए गए यंत्रों को भी उपलब्ध कराया गया है.

लोकल 18 टीम से हुई खास बातचीत में इनके प्रॉपराइटर मनीष कुमार यादव ने जानकारी साझा करते हुए बताया कि यहां सामान्य यंत्र हमेशा उपलब्ध रहते हैं. इसके अलावा कृषि के मांग के अनुरूप कल्टीवेटर, ट्रैक्टर ट्राली, हल, रोटावेटर, केजविल, एमबी पलाऊ के अलावा कई यंत्र भी ऑर्डर के अनुरूप बनाए जाते हैं.

पिता की विरासत को संभाल रहे पुत्र इस कृषि केंद्र को स्थापित करने वाले मनीष कुमार यादव अपने पिता की विरासत को संभाल रहे हैं, जो अपने इस कृषि केंद्र के कारखाने में यंत्रों को समय पर बनाकर उपलब्ध कराते हैं. उहोंने बताया कि इन यंत्रों को बनाने के लिए पश्चिम बंगाल, रायपुर और राजस्थान के अलावा देश के विभिन्न हिस्सों से यंत्र के मुताबिक सामान को मंगाया जाता है. यहां वर्कशॉप में काम करने वाले मिस्त्री स्थानीय हैं, जो बहुत दिन से काम कर रहे हैं.

इन्हें कई छोटी एवं बड़ी जानकारियां हैं. साथ ही समय-समय पर इन्हें यंत्र बनाने की जानकारी भी दी जाती है. आधुनिक युग में अब ऑनलाइन व्यवस्था से भी इन्हें सिखाया जाता है. कोई भी किसान यहां आकर सामान की खरीदारी कर सकते हैं. लोहे की गुणवत्ता के आधार पर इसकी कीमत तय की जाती है.

चीन के छोटे यंत्रों की हो रही मांग उन्होंने आगे बताया कि खेत के जोत का आकार कम होने के साथ बड़े यंत्रों का डिमांड कम होने पर छोटे यंत्र मंगाए जाते हैं, जो चीन के होते हैं. भारत में अभी इस तरह के यंत्र उपलब्ध नहीं हैं. इनको बनाने वाला कोई नहीं है. इसलिए अन्य राज्यों के अपेक्षा उत्तर प्रदेश में इसका उपयोग नहीं होता है. पहले इन यंत्रों का उपयोग पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के अलावा अन्य राज्यों में होता था.

सरकार के तरफ से कुछ यंत्रों पर अनुदान है. जिन्हें सरकारी विभाग के तरफ से अनुशंसा के बाद किसानों को उपलब्ध कराया जाता है. उहोंने अपने संदेश में कहा कि किसान बदलते समय के साथ किसी भी यंत्र की जरूरत को पूरा करने के लिए मारुति कृषि केंद्र में आकर इसका लाभ ले सकते हैं और विस्तार में जानकारी भी पा सकते हैं.
Location :Chandauli,Uttar PradeshFirst Published :January 13, 2025, 11:20 ISThomeuttar-pradeshखेती के लिए एडवांस मशीनरी खरीदनी है तो बेस्ट है ये जगह, कीमत भी कम

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