khawaja wearing black armband in aus pak 1st test after icc stopped him wearing gaza related messages shoe |Usman Khawaja: क्या ICC से पंगा मोल ले रहे उस्मान ख्वाजा? अब AUS-PAK पर्थ टेस्ट में किया ये काम

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Usman Khawaja Black Armband: ऑस्ट्रलिया और पाकिस्तान के बीच तीन मैचों की सीरीज का पहला टेस्ट मैच पर्थ क्रिकेट स्टेडियम में खेला जा रहा है. इस मैच में ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी चुनी. टीम के ओपनर बल्लेबाज उस्मान ख्वाजा बाजू पर काली पट्टी बांधकर मैदान में उतरे. दरअसल, गाजा के लोगों के प्रति एकजुटता दर्शाने वाले संदेश लिखे जूते पहनने की अनुमति नहीं दिए जाने के एक दिन बाद उस्मान ख्वाजा ऑप्टस स्टेडियम में पाकिस्तान के खिलाफ पहले टेस्ट मैच के पहले दिन काली पट्टी बांधे नजर आए. इसके बाद से वह फिर एक बार चर्चा में आ गए हैं.
काली पट्टी बांधकर उतरे उस्मान ख्वाजा ऑस्ट्रेलिया के पहले बल्लेबाजी करने के फैसले के साथ उस्मान ख्वाजा ने अपने जूतों पर लिखे संदेशों पर टेप लगा ली और डेविड वार्नर के साथ बल्लेबाजी की शुरुआत करने के लिए बाहर आते समय बाजू पर काली पट्टी बांध ली. इस पर क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने कहा, ‘उन्होंने इसे अपने इंस्टा पोस्ट के अनुसार एकजुटता और सम्मान में पहना है.’ बता दें कि ख्वाजा को ऑस्ट्रेलिया के प्रैक्टिस सेशन में अपने जूतों पर ‘सभी जीवन समान हैं’ और ‘स्वतंत्रता एक मानव अधिकार है’ जैसे लिखे मैसेज के साथ देखा गया था.
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने दिया ये बयान 
बुधवार(13 दिसंबर) को क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने ख्वाजा के मानवीय संदेश वाले जूते पहनने के इरादे पर एक बयान जारी कर कहा था, ‘हम अपने खिलाड़ियों के व्यक्तिगत राय व्यक्त करने के अधिकार का समर्थन करते हैं, लेकिन आईसीसी के नियम हैं जो व्यक्तिगत संदेशों के प्रदर्शन पर रोक लगाते हैं. हम उम्मीद करते हैं कि खिलाड़ी इसका पालन करेंगे.’ 
ख्वाजा  ने पोस्ट किया था वीडियो 
सलामी बल्लेबाज ख्वाजा ने सोशल मीडिया पर एक विस्फोटक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें लिखित शब्दों के साथ खेल के जूते पहनने पर आईसीसी से लड़ने और मंजूरी लेने की कसम खाई गई. उन्होंने लिखा, ‘अतीत में बहुत कुछ ऐसा हुआ है जो एक मिसाल कायम करता है. मैं ब्लैक लाइव्स मैटर के पूर्ण समर्थन में हूं. ऐसे बहुत से लोग हैं, जिन्होंने पहले भी अपने जूतों पर लिखा है.’
ICC के फैसले से निराश ख्वाजा  
पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट शुरू होने से पहले फॉक्स क्रिकेट पर ख्वाजा ने कहा, ‘ऐसे अन्य लोग हैं, जिन्होंने अपने उपकरणों पर धार्मिक बातें लिखी हैं और आईसीसी दिशानिर्देशों के तहत तकनीकी रूप से इसकी अनुमति नहीं है, लेकिन आईसीसी इस पर कभी कुछ नहीं कहता है. मुझे यह थोड़ा निराशाजनक लगता है कि वे मुझ पर सख्त हो गए और उन्होंने ऐसा नहीं किया.’
आईसीसी के नियमों का सम्मान…
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के अध्यक्ष माइक बेयर्ड ने कहा, ‘वे ख्वाजा का समर्थन करते हैं, लेकिन उन्होंने कहा कि आईसीसी के नियमों का सम्मान किया जाना चाहिए. जब टीम और आईसीसी इसमें शामिल होते हैं, तो इसमें नियम शामिल होते हैं. इसलिए हमारे दृष्टिकोण से ख्वाजा का समर्थन करने में बहुत खुश हैं और वह स्पष्ट रूप से मध्य पहले में चल रहे संघर्ष से सीधे प्रभावित हैं. वह अपनी आवाज का उपयोग करना चाहता है. यह सिर्फ एक सवाल है कि हम मौजूदा नियमों को ध्यान में रखते हुए इसका उपयोग कैसे करते हैं.”
(एजेंसी इनपुट के साथ)



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