अतीश त्रिवेदी/लखीमपुर खीरी: आजकल खेती से मुनाफा कमाने के अलग-अलग कई सारे विकल्प सामने आ गए हैं. लखीमपुर में तो किसान केले की खेती से मालामाल हो रहे हैं. कम लागत और मेहनत में उन्हें बंपर मुनाफा हो रहा है. आइए जानते हैं केले की खेती से कमाई कर रहे किसान जेपी मौर्य के बारे में.
गन्ने से केले की ओर बढ़ते किसानयूपी के लखीमपुर खीरी जिले के धौरहरा क्षेत्र में गन्ने की खेती से किसानों का मोहभंग होता दिखाई दे रहा है. इसके स्थान पर अब उनका रुझान केले की खेती की ओर बढ़ता जा रहा है. खमरिया, ईसानगर और कटौली क्षेत्रों में केले की खेती का रकबा लगातार बढ़ रहा है. किसान जे पी मौर्य, जो कई वर्षों से केले की खेती कर रहे हैं, ने बताया कि उनकी फसल का केला ऑस्ट्रेलिया तक भेजा जा चुका है और उन्हें इससे लाखों रुपए का मुनाफा हो रहा है. अन्य फसलों की तुलना में केले की खेती से अधिक लाभ प्राप्त हो रहा है.
10 वर्षों में 30% किसानों का रुखपिछले 10 वर्षों में किसानों ने परंपरागत गन्ने की खेती के साथ-साथ केले की खेती की भी शुरुआत की है. धौरहरा क्षेत्र में लगभग 30 फीसदी किसान अब केले की खेती कर रहे हैं और गन्ना किसानों की तुलना में अधिक लाभ कमा रहे हैं. इस बदलाव ने क्षेत्र में केले की खुशबू फैला दी है और यह अब चीनी के कटोरे के रूप में पहचान नहीं बनाते हुए, केले के उत्पादन का क्षेत्र बनता जा रहा है.
उद्यान विभाग का अनुदान और जागरूकता अभियानउद्यान विभाग केले की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए किसानों को प्रति एकड़ 30 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान करता है. जिला उद्यान अधिकारी मृत्युंजय सिंह ने बताया कि धौरहरा और जिले के अन्य क्षेत्रों में भी किसानों को इस अनुदान के माध्यम से प्रोत्साहित किया जा रहा है.
विभाग द्वारा किसानों को केले की खेती के लाभ और तकनीकों के बारे में लगातार जागरूक किया जा रहा है, जिससे जनपद खीरी में केले की खेती का क्षेत्रफल बढ़ता जा रहा है. मोहम्मदी, धौरहरा, बांकेगंज और निघासन क्षेत्रों में भी केले की खेती की जा रही है.
Tags: Agriculture, Local18FIRST PUBLISHED : September 14, 2024, 10:33 IST