कभी रजनी को थी दो वक्त के खाने की दरकार, आज ब्रांड बन गया रनजी अचार – News18 हिंदी

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कभी रजनी को थी दो वक्त के खाने की दरकार, आज ब्रांड बन गया रनजी अचार – News18 हिंदी



मेरठः जीवन में कठिनाइयां सभी के आती हैं, लेकिन उन कठिनाइयों का सामना कैसे किया जाए, ये हम पर निर्भर करता है. कोई उन तकलीफों से टूट जाता है तो कोई उन दिक्कतों से जूझता हुआ अपनी अलग पहचान बना लेता है. कुछ ऐसी ही मिसाल पेश की है मेरठ की रजनी ने. जाहिदपुर निवासी रजनी के घर में कभी आर्थिक तंगी का आलम ये था कि दो वक्त का खाना भी नसीब नहीं होता था, लेकिन आज लाखों लोगों के खाने का स्वाद उनके बनाए अचार के बिना अधूरा रह जाता है.रजनी ने बताया कि स्वयं सहायता समूह के अंतर्गत सरकार की मदद से दिए गए 10,000 रुपये के माध्यम से उन्होंने अचार बनाने के बिजनेस की शुरुआत की. तब उन्होंने भी नहीं सोचा था उनके हाथ के अचार का स्वाद लोगों को अपना दीवाना बना देगा और वह खुद एक ब्रांड बन जाएंगी. रजनी के हाथ के बने हुए अचार की तारीफ पहले घर और आस-पड़ोस के लोग किया करते थे. रजनी ने अपने हुनर को पहचाना और सरकार से मदद ली. स्वयं सहायता समूह बनाया और फिर शुरु हुआ रजनी अचार का सफर.अचार का नाम ही रखा रजनीरजनी ने अपने हाथ से बने हुए अचार का नाम रजनी ही रख दिया. स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा घर का बना अचार ट्रेंडिंग हो गया. आज की तारीख में रजनी आम के अचार के साथ-साथ आंवला, नींबू, कई प्रकार के मुरब्बे भी बनाती हैं. उन्होंने अपने स्वयं सहायता समूह में पचास लोगों को रोजगार भी दे रखा है. रजनी बार-बार सीएम योगी और पीएम मोदी का धन्यवाद देती हैं. रजनी का कहना है कि सरकार की योजना ने उन्हें अपने पैरों पर खड़े कर दिया है.पति भी बनाने में जुट गए अचारबताते चलें कि रजनी का एक दौर ऐसा भी था कि घर में आर्थिक तंगी इतनी हुई कि घर का किराया भी नहीं निकल पा रहा था. इसके बाद भी रजनी ने हार नहीं मानी. सरकार की इस योजना के माध्यम से इनकी जिंदगी ही बदल गई.अब यह अन्य महिलाओं को भी इसी तरीके से आगे बढ़ने की प्रेरणा देती हैं. अब अचार की इतनी डिमांड हो गई है कि रजनी दिन-रात आर्डर को पूरा करने के लिए लगी रहती हैं. इतना ही नहीं उनके पति ने भी अपना सिलाई का काम बंद कर दिया है. वह भी पत्नी के साथ अचार बनाने का ही कार्य करते हैं.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|FIRST PUBLISHED : February 05, 2023, 07:27 IST



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