India vs England: आकाश दीप, वो नाम जो भारत और इंग्लैंड के बीच चौथे टेस्ट के पहले ही दिन सुर्खियों में आ चुका है. 27 साल के तेज गेंदबाज ने रांची टेस्ट में अपना डेब्यू किया. उन्होंने डेब्यू मैच में ही अपनी आग उगलती गेंदो से इंग्लैंड के टॉप ऑर्डर को फिसड्डी साबित किया. उन्होंने महज 10 गेंद के अंदर ही इंग्लैंड के टॉप-3 बल्लेबाजों को पवेलियन का रास्ता दिखा दिया. भले ही आकाश दीप के लिए आज का दिन यादगार साबित हुआ, लेकिन उनके करियर में 6 महीने ऐसे थे जिसका प्रभाव उनके करियर पर गहरा देखने को मिला.
मुश्किल रहा आकाश दीप का करियर
27 साल के आकाश दीप बिहार के रहने वाले हैं. वह साल 2015 था जब आकाश दीप के पर दुखों का पहाड़ टूटा, नतीजन उन्हें 3 साल तक क्रिकेट से दूर रहना पड़ा. 2015 में दिल का दौरा पड़ने से उनके पिता की मौत हो गई थी. इतना ही नहीं, महज 2 महीने बाद ही उन्होंने अपने बडे़ भाई को खो दिया. घर की जिम्मेदारी के चलते आकाश दीप ने खुद को 3 साल तक क्रिकेट से दूर किया. लेकिन इसके बाद उन्होंने एक बार फिर रिस्टार्ट किया और दुर्गापुर में अपना खेल शुरू किया. इसके बाद वे कोलकाता पहुंचे और अपने चचेरे भाई के साथ रहकर अपने मुश्किलों से भरे सफर को जारी रखा. इस बीच आकाश दीप की मदद उनके एक दोस्त और चाचा ने की. संघर्षभरे करियर के बाद टीम इंडिया के लिए डेब्यू करना आकाश दीप के लिए एक बेहद इमोशनल लम्हा था. उन्होंने डेब्यू के बाद अपनी मां से पैर छूकर आशीर्वाद भी लिया. क्या था पिता का सपना?
आकाश दीप बिहार के पिछड़े इलाके से आते हैं. उनके पिता नहीं चाहते थे कि बेटा क्रिकेटर बने. इस बात का खुलासा खुद आकाश दीप ने किया है. उन्होंने बताया उनके पिता उन्हें पुलिस कॉनस्टेबल की नौकरी करने के लिए कहते थे. क्रिकेट को लेकर आकाश दीप को चाचा का सपोर्ट मिला. रांची टेस्ट में आकाश दीप की घातक गेंदबाजी के सामने इंग्लैंड की टीम भीगी बिल्ली साबित हुई. उन्होंने जैक क्राउली (42), बेन डकेट (11) और ओली पोप को बिना खाता खोले ही पवेलियन का रास्ता दिखा दिया. इंग्लैंड ने आधे दिन के खेल तक 198 रन के स्कोर पर अपने 5 बल्लेबाजों को खो दिया है.