कब तक गोरखपुर चिड़ियाघर में रहेगा पीलीभीत का खूंखार बाघ? निगरानी के बाद होगा फैसला

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कब तक गोरखपुर चिड़ियाघर में रहेगा पीलीभीत का खूंखार बाघ? निगरानी के बाद होगा फैसला

पीलीभीत. बीते महीने पीलीभीत की माला रेंज से रेस्क्यू किए गए बाघ को निगरानी में रखने के लिए गोरखपुर चिड़ियाघर भेजा गया था. वहीं 15 दिन बाद इस बाघ के वास स्थल को लेकर निर्णय लिया जाना था. लेकिन अभी कुछ दिन इस बाघ को चिड़ियाघर में ही रहना होगा. कुछ दिन की निगरानी के बाद ही इसके भविष्य पर फैसला हो सकेगा.दरअसल वन विभाग के अनुसार बीते सितंबर माह में जंगल की सीमा में 150 मीटर अंदर तक घुसे किसान को बाघ ने मौत के घाट उतार दिया था.इस घटना के बाद से ही बाघ को रेस्क्यू करने के लिए ऑपरेशन चलाया जा रहा था. 23 सितंबर को इसे माला रेंज की भैरो बीट से रेस्क्यू कर लिया गया था. 4 दिन चले मंथन के बाद बड़े अधिकारियों ने 28 सितम्बर इसे 15 दिन की निगरानी के लिए गोरखपुर चिड़ियाघर में 4 सदस्यीय कमेटी के सुपुर्द कर दिया था. लेकिन अब भी बाघ के व्यवहार पर पैनी नजर रखी जा रही है. रिपोर्ट के आधार पर ही अधिकारी फ़ैसला करेंगे कि इस बाघ को फिर से जंगल में रिलीज किया जाएगा या फिर इसे पूरी उम्र चिड़ियाघर में ही बिताना पड़ेगा.सामान्य से ज्यादा है वजनपीलीभीत से रेस्क्यू किए गए बाघ के स्वास्थ्य और व्यवहार पर अधिक जानकारी देते हुए गोरखपुर चिड़ियाघर के पशु चिकित्साधिकारी डॉ. योगेश प्रताप ने बताया कि बाघ पूरी तरह से स्वस्थ है व अपनी पूरी खुराक ले रहा है. इस बाघ की कद काठी सामान्य बाघों की अपेक्षा अधिक है. सामान्य रूप से नर बाघ का वजन 210 से 230 किलो होता है. लेकिन इस बाघ का वजन 260 से 280 किलोग्राम के बीच है.डॉमिनेटिंग नेचर का है बाघडॉ. योगेश प्रताप ने बताया कि वर्तमान में चिड़ियाघर में मौजूद चार बाघों में यह सबसे भारी भरकम है. यह अपना पूरा जीवन जंगल में व्यतीत करने की वजह से डॉमिनेटिंग नेचर का है. इसी के चलते अभी यह थोड़ा आक्रामक हो रहा है. कुछ दिन के लिए इसे एक बड़े क्षेत्रफल वाले सुरक्षित स्थान पर रखा जाएगा जहां इसके व्यवहार की निगरानी की जाएगी. जिसकी पूरी रिपोर्ट बनाकर वन विभाग के अधिकारियों को सौंपी जाएगी.FIRST PUBLISHED : October 16, 2024, 19:19 IST

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