अभिषेक जायसवाल/वाराणसी. बाबा विश्वनाथ के शहर बनारस में ‘काशी तमिल संगमम’ के ग्रैंड आगाज के बाद अब वाराणसी तमिलनाडु के सभ्यता में रमी नजर आ रही है.इस भव्य आयोजन के शुरुआत के साथ अब वाराणसी के प्रसिद्ध गंगा आरती का कलेवर भी बदल गया है.गंगा आरती में वणक्कम काशी की गूंज सुनाई दे रही है. इसके अलावा पहली बार ऐसा हो रहा है जब आरती में हिंदी के साथ तमिल भाषा में भी कमेंट्री की जा रही है.दरअसल वाराणसी के अस्सी घाट पर जय मां गंगा सेवा समिति द्वारा होने वाले नित्य संध्या आरती में अब मां गंगा के महत्व के साथ काशी और गंगा आरती के बारे में पर्यटकों को हिंदी के साथ तमिल भाषा में भी कमेंट्री कर जानकारी दी जा रही है. इसके लिए समिति ने एक तमिल भाषी अनुवादक को रखा है जो तमिल भाषा में इसके बारे में जानकारी दे रहा है.बताते चले कि एक महीने तक चलने वाले काशी तमिल संगमम में तमिलनाडु के अलग-अलग जिलों से करीब 25 सौ डेलिगेट्स यहां आ रहे हैं.इसके अलावा पहले से भी बड़ी संख्या में यहां तमिल भाषी रह रहे हैं. इनके लिए समिति ने ये कदम उठाया है.एक महीने होगी कमेंट्रीसमिति से जुड़े आशुतोष चतुर्वेदी ने बताया कि पूरे एक महीने तक गंगा आरती में हिंदी के साथ तमिल भाषा में कमेंट्री होगी जिससे तमिलनाडु से आने वाले श्रद्धालु और पर्यटकों इसके बारे में अच्छी तरह से समझ सकें.वहीं कमेंट्री करने वाले गोपाल कृष्णन ने बताया कि तमिल से काशी का सम्बंध सदियों पुराना है और आज इस प्रयास से एक बार फिर दोनों राज्यों के रिश्ते और मजबूत होंगे.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|FIRST PUBLISHED : November 20, 2022, 19:33 IST
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