नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी को दिवाली से पहले बड़ा तोहफा दिया गया है. केंद्रीय कैबिनेट ने काशी में गंगा नदी पर मॉडर्न ब्रिज बनाने के प्रास्ताव को स्वीकार कर लिया है. डबल डेकर ब्रिज पर तकरीबन 10 हजार करोड़ रुपये की लागत आने की संभावना जताई गई है. इसको लेकर एक प्रेजेंटेशन भी दिया गया, जिसमें बताया गया कि इस ब्रिज की रूपरेखा क्या होगी और यह कितने साल तक सर्वाइव करेगा. काशी में फिलहाल मालवीय ब्रिज लोगों को सेवा दे रहा है. यह ब्रिज 137 साल पुराना है. नया पुल मालवीय ब्रिज के पास ही बनेगा. इससे स्थानीय लोगों को तो सुविधा होगी ही, पूर्वी भारत की ओर जाने वाले लाखों-करोड़ों लोग भी इसका फायदा उठा सकेंगे.
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने काशी में बनने वाले डबल डेकर ब्रिज को लेकर विस्तार से जानकारी दी है. उन्होंने बकायदा ग्राफिक के जरिये बताया कि काशी में गंगा नदी पर बनने वाला ब्रिज कैसा होगा, इसपर कितना खर्च आएगा और इसकी उम्र कितने साल की होगी. अश्विनी वैष्णव ने केंद्रीय कैबिनेट के फैसले के बारे में जानकारी देते हुए काशी में बनने वाले रेल-रोड ब्रिज के बारे में बताया. उनके अनुसार, काशी में पहले तल पर रेलवे ट्रैक होगा. यह चार लेन का होगा. इसके ऊपर छह लेन का हाईवे बनाया जाएगा. इस तरह से इस ब्रिज पर एक साथ ट्रेन और वाहन चल सकेंगे.
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150 साल तक चलेगा ब्रिजकेंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि नया ब्रिज 137 साल पुराने मालवीय ब्रिज के पास बनेगा. यह ब्रिज दो तल्ले का होगा. पहले तल पर चार लेन वाला रेलवे ब्रिज होगा तो उसके ऊपर छह लेन का हाईवे बनाया जाएगा. हाईवे बनाने पर कुल 2643 करोड़ रुपये खर्च आने का अनुमान है. वहीं, ब्रिज को बनाने पर कुल मिलाकर 9448 करोड़ रुपये खर्च होंगे. वैष्णव ने बताया कि यह ब्रिज 150 साल तक चलेगा.
मालवीय ब्रिजकाशी में गंगा नदी पर साल 1887 में मालवीय ब्रिज का उद्घाटन किया गया था. उस वक्त इसे डफ़रिन ब्रिज कहा जाता था. यह एक डबल डेकर ब्रिज है. इसके निचले डेक पर रेल की पटरी और ऊपरी डेक पर सड़क है. यह गंगा पर बने प्रमुख पुलों में से एक है और नदी के उस पार ग्रैंड ट्रंक रोड (GT Road) को ले जाता है. यह अवध और रोहिलखंड रेलवे (O & R Railway) के इंजीनियरों द्वारा भारतीय उपमहाद्वीप में निर्मित अपनी तरह का पहला पुल था. डफरिन ब्रिज के निर्माण के प्रभारी इंजीनियर फ्रेडरिक थॉमस ग्रानविले वाल्टन थे, जो अवध और रोहिलखंड रेलवे कंपनी के चीफ इंजीनियर थे. साल 1948 में मदन मोहन मालवीय के नाम पर पुल का नाम बदलकर मालवीय ब्रिज कर दिया गया था.
Tags: Ashwini Vaishnaw, National News, Prime Minister Narendra Modi, Varanasi newsFIRST PUBLISHED : October 16, 2024, 19:03 IST