पुराने समय से लोग हुक्का पीते आ रहे हैं. आज क्लब में युवाओं में इसका बहुत क्रेज बढ़ चुका है. हालांकि यह हुक्का में तंबाकू वाली नहीं बल्कि कई अलग-अलग फ्लेवर में होता है. लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि यह तंबाकू वाले हुक्के से किसी भी तरह कम नुकसानदायक होता है.
कर्नाटक गवर्नमेंट ने हाल ही में राज्य में हुक्का को पब्लिक प्लेस में पीने और बेचने पर पाबंदी भी लगा दी है. ऐसा यहां पर युवाओं में बढ़ते हुक्का पीने के चलन को देखते हुए और इससे होने वाली बीमारी पर खर्च के बोझ को कम करने के लिए किया है. बता दें, WHO की ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे 2016-17 के अनुसार, कर्नाटक के 22.8 प्रतिशत युवा तंबाकू का सेवन करते हैं.क्यों खतरनाक है हुक्का पीना
स्टेनफोर्ड मेडिसिन के अनुसार, हुक्का का एक सेशन लगभग एक घंटे को होता है जो 100 सिगरेट पीने के बराबर होता है. ऐसे में यदि आप रोज हुक्का पीते हैं तो जल्द ही आप गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर सकते हैं.
हुक्का पीने के नुकसान
चाहे आप तंबाकू वाला हुक्का पी रहे हैं या फिर फ्लेवर वाला हेल्थ जोखिम दोनों में ही हैं. अमेरिकन लंग एसोशिएशन के अनुसार, हुक्का का सेवन लंग्स, ब्लैडर, ओरल कैंसर और हार्ट डिजीज से संबंधित होता है.
इसके अलावा इसके दीर्घकालिक प्रभावों में बिगड़ा हुआ लंग्स फंक्शन, क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी रोग, एसोफैगल कैंसर और गैस्ट्रिक कैंसर शामिल हैं. वहीं, अल्पकालिक प्रभावों में हार्ट बीट और ब्लड प्रेशर का बढ़ना, एडिक्शन शामिल है.
इसलिए हुक्का पीना है खतरनाक
हुक्का के धुएं में कम से कम 82 जहरीले रसायनों और कार्सिनोजन की पहचान की गई है. हालांकि धुआं पानी से होकर गुजरता है, लेकिन इससे तम्बाकू से निकलने वाले खतरनाक, नशीले रसायनों का असर कम या खत्म नहीं होता है.