Kapil Dev Statement: भारत के पूर्व कप्तान कपिल देव ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के घरेलू क्रिकेट खेलने की प्रतिबद्धता पूरा नहीं करने के कारण सालाना कॉन्ट्रैक्ट नहीं देने के फैसले का समर्थन करते हुए कहा कि कुछ खिलाड़ियों को तकलीफ होगी ही. साथ ही उन्होंने कहा कि देश से बढ़कर कोई नहीं है. कपिल देव का मानना है कि फर्स्ट क्लास टूर्नामेंट जैसे रणजी ट्राफी को बचाए रखने के लिए जरूरी कदम है. ईशान किशन और श्रेयस अय्यर को सालाना 2023-24 सत्र के लिए बीसीसीआई के कोंट्रक्टेड खिलाड़ियों की लिस्ट से बाहर कर दिया गया था.
कुछ तो तकलीफ होगी…दिग्गज भारतीय क्रिकेटर कपिल देव ने किसी का नाम लेने से बचते हुए कहा कि घरेलू क्रिकेट की अहमियत बरकरार रखने के लिए बीसीसीआई को फैसला लेना ही था. उन्होंने कहा, ‘हां, कुछ खिलाड़ियों को परेशानी होगी. कुछ लोगों को तकलीफ होगी, होने दो लेकिन देश से बढ़कर कोई नहीं है. बहुत अच्छा फैसला.’
BCCI को दी बधाई
भारत को 1983 वर्ल्ड कप जिताने वाले कप्तान ने अपने बयान में कहा, ‘मैं बीसीसीआई को घरेलू क्रिकेट का दर्जा बचाने के मद्देनजर जरूरी कदम उठाने के लिए बधाई देता हूं. मुझे यह देखकर दुख होता था कि एक बार खिलाड़ी इंटरनेशनल क्रिकेट में खुद को स्थापित कर लेते हैं तो वे घरेलू क्रिकेट में हिस्सा लेना बंद कर देते थे.’ बता दें कि बीसीसीआई ने कॉन्ट्रैक्ट की घोषणा करते हुए खिलाड़ियों से घरेलू टूर्नामेंट्स में खेलने की बात भी कही.
घरेलू क्रिकेट के लिए फायदेमंद
देश के इस महान क्रिकेटर ने कहा, ‘यह संदेश पहले ही दिया जाना चाहिए था. बीसीसीआई का यह कड़ा कदम है जो घरेलू क्रिकेट की प्रतिष्ठा बरकरार रखने के लिए फायदेमंद होगा.’ कपिल ने साथ ही माना कि स्टार खिलाड़ियों का यह फर्ज है कि वे घरेलू क्रिकेट खेले, क्योंकि उन्हें अपने होम स्टेट की ओर से खेलते हुए ही सफलता मिली है. उन्होंने कहा, ‘मैं हमेशा से इस प्रक्रिया में भरोसा करता हूं कि इंटरनेशनल खिलाड़ी अपने होम स्टेट के लिए खुद को उपलब्ध कराएं. इससे घरेलू खिलाड़ियों को उनका समर्थन मिलने से मदद मिलती है. साथ ही यह स्टेट एसोसिएशन द्वारा दी गई सेवाओं को वापस लौटाने का भी अच्छा तरीका है.’ पूर्व भारतीय कप्तान ने पूर्व क्रिकेटरों की पेंशन बढ़ाने पर बीसीसीआई का आभार व्यक्त करते हुए कहा, ‘मैं खुश हूं कि बीसीसीआई ने खिलाड़ियों की पेंशन की राशि बढ़ा दी है जो उनके लिए फायदेमंद रहेगी जिनका परिवार पेंशन पर निर्भर है.’