अखंड प्रताप सिंह/कानपुर: देशभर में चल रहे इतिहास के पाठ्यक्रम को बदलने के लिए अखिल भारतीय इतिहास संकलन द्वारा एक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है. जिसमें देशभर से इतिहासकार जीतेंगे जो इतिहास के पाठ्यक्रम में किन चीजों को छोड़ दिया गया. किन चीजों के बदलाव की जरूरत है और नए इतिहास के पाठ्यक्रम को किस रूप में तैयार किया जाए इस पर चर्चा होगी और प्लान तैयार किया जाएगा. यह आयोजन इस बार कानपुर विश्वविद्यालय में होने जा रहा है दो और 3 दिसंबर को. यहां पर यह संगोष्ठी होगी. जिसमें देशभर से 300 से अधिक इतिहासकार पहुंचेंगे. इतना ही नहीं इसमें लगभग 50 शोध पत्र भी प्रस्तुत किए जाएंगे.
अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना नई दिल्ली के राष्ट्रीय सह सचिव संजय ने बताया कि अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना द्वारा इतिहास के पाठ्यक्रम को लेकर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन दो और 3 दिसंबर को कानपुर विश्वविद्यालय में किया जा रहा है. जिसमें देशभक्ति से इतिहासकार शामिल होंगे. इस दौरान उन्होंने कहा कि हमारे इतिहास से काफी छेड़छाड़ किया गया है. हमारे इतिहास में मुगल और अंग्रेजों ने काफी खिलवाड़ किया है. छोटी शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक जो इतिहास पढ़ाया जा रहा है. उसमें भारतीय संस्कृति की आधी अधूरी जानकारी दी गई है. लगभग 50% पाठ्यक्रम को बदलने की जरूरत है.
14 वॉल्यूम में पढ़ सकेंगे 5000 वर्षों का इतिहासआपको बता दें कि भारतीय संस्कृति और इतिहास के बारे में अब लोग पढ़ सकेंगे. इसके लिए अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना द्वारा 5000 वर्षों का इतिहास 14 वॉल्यूम में तैयार किया जा रहा है जो लोग पढ़ सकेंगे. इसमें भारतीय संस्कृति भारत का इतिहास गौरव इन सब के बारे में लोग पढ़ सकेंगे. जान सकेंगे इसको तैयार करने में लगभग देश भर से 5000 से अधिक इतिहासकार शामिल हुए हैं. उन सब ने मिलकर इसको तैयार किया है.
.Tags: Kanpur news, Local18FIRST PUBLISHED : December 2, 2023, 18:41 IST
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