कानपुर. रामायण में आपने भरत को भगवान श्रीराम के चरण पादुका रखकर राज करने का किस्सा तो सुना होगा. कानपुर में भी एक ऐसी ही मिलती-जुलती कहानी है. जो समाजवादी पार्टी के विधायक अमिताभ बाजपेयी सबको सुना रहे हैं. जब प्रोफेसर विनय पाठक पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा और वे मेडिकल लीव पर चले गए और कानपुर विश्वविद्यालय नहीं आ रहे थे. तब विधायक अमिताभ बाजपेयी ने खड़ाऊं ले जाकर विश्वविद्यालय में प्रदर्शन किया था. उनका कहना था कि 3 महीने से कुलपति की कुर्सी पर प्रोफेसर विनय पाठक का खड़ाऊं रखकर विश्वविद्यालय को चलाया जा रहा था. अब जब वे लौट आए हैं तो ऐसे में उस खड़ाऊं को गंगा में विसर्जन कर दिया जाए.प्रोफेसर विनय पाठक द्वारा दोबारा कामकाज संभालने के विरोध में कल ही समाजवादी पार्टी के विधायक अमिताभ बाजपेयी ने विवादित पोस्टर जारी किया था. वहीं, आज उन्होंने अनोखा विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने सरसैया घाट पहुंचकर विनय पाठक का खड़ाऊं गंगा में विसर्जित किया.
विधायक अमिताभ बाजपेयी ने कहा कि प्रोफेसर विनय पाठक पर आगरा विश्वविद्यालय में बतौर कुलपति भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे थे. एसटीएफ ने लखनऊ में उनके खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा भी दर्ज कराया. इसके बाद भी विनय पाठक को पद से नहीं हटाया गया और न ही उनके निलंबन की कार्रवाई की गई. मामले को दबाने के लिए सीबीआई जांच का ड्रामा किया जा रहा है. राज्य और केंद्र सरकार उन्हें बचाने का प्रयास कर रही है.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|FIRST PUBLISHED : January 25, 2023, 20:56 IST
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