कानपुर. यूपी की कानपुर पुलिस ने शुक्रवार (3 जून) की हिंसा के मामले में कथित रूप से सोशल मीडिया पर फर्जी और भड़काऊ सामग्री डालने के आरोप में आठ लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है. पुलिस के मुताबिक, इन लोगों ने फेसबुक और ट्विटर पर फर्जी और भड़काऊ सामग्री को पोस्ट किया था. इस मामले में कानपुर की अपर पुलिस आयुक्त (अपराध) सुरेशराव ए कुलकर्णी ने बताया कि सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने वाले कई लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है.
इसके ससथ कानपुर की अपर पुलिस आयुक्त (अपराध) ने कहा कि सोशल मीडिया उपायोगकर्ताओं ने कथित तौर पर भड़काऊ सामग्री पोस्ट की जिससे आम लोगों में गुस्सा है. इन लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 505 (सार्वजनिक शरारत करने वाले बयान) 507, (अनाम संचार द्वारा आपराधिक धमकी) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है.
कानपुर हिंसा में दर्ज हुई चौथी प्राथमिकीकानपुर हिंसा के सिलसिले में दर्ज की गई यह चौथी प्राथमिकी है. यह प्राथमिकी कोतवाली थाने के प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) अरुण कुमार तिवारी की शिकायत के आधार पर दर्ज की गई है. इस बीच पुलिस उपायुक्त (दक्षिण) संजीव त्यागी के नेतृत्व में विशेष जांच दल (एसआईटी) ने हिंसा की घटना की जांच शुरू कर दी है. अपर पुलिस आयुक्त ( कानून व्यवस्था) आनंद प्रकाश तिवारी ने कहा कि डीसीपी त्यागी ने फॉरेंसिक विशेषज्ञों के साथ घटनास्थल का दौरा किया और वास्तविकता का जायजा लिया और साक्ष्य संकलित किये.
तिवारी ने कहा कि पुलिस ने कानपुर हिंसा में शामिल 40 प्रमुख संदिग्धों की तस्वीरें प्रभावित क्षेत्रों और उसके आसपास के प्रमुख स्थानों पर लगाई हैं. होर्डिंग्स में एसएचओ (बेकनगंज) के संपर्क नंबर हैं, ताकि लोग पुलिस को संदिग्धों के बारे में जानकारी दे सकें. उन्होंने दावा किया कि एक घंटे के भीतर स्थानीय लोगों ने तीन संदिग्धों की पहचान कर ली है. अधिकारियों ने कहा कि पुलिस ने हिंसा के सिलसिले में सोमवार को नौ और लोगों को गिरफ्तार किया, जिससे गिरफ्तार किए गए लोगों की कुल संख्या बढ़कर 38 हो गई है.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |Tags: Kanpur Police, Kanpur violenceFIRST PUBLISHED : June 06, 2022, 21:49 IST
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