कन्नौज. करीब एक हजार वर्ष पूर्व बंदी बनाकर यूरोप के देशों में ले जाए गए भारतीय मूल के रोमा या रोमानिया समुदाय के लोगों की याद में कन्नौज में 4 करोड़ रुपए की लागत से स्मारक बनाया जायेगा. केंद्र सरकार ने इसके प्रस्ताव की मंजूरी दे दी है. इसकी जानकारी प्रदेश के समाज कल्याण राज्य मंत्री असीम अरुण ने दी.करीब 11वीं सदी में रोमा समाज के लोग कन्नौज में ही रहा करते थे और भगवान राम की पूजा करते थे. इसलिए उनको रोमा समाज का भी कहा जाने लगा. रोमा समाज के लोग मुख्यता लोहे से चीजें बनाने का काम करते थे. रोमा समाज के लोग लोहे से औजार बनाना, बर्तन बनाना, जेवर बनाने में निपुण मानें जाते थे.इतिहास में दर्ज रोमा समाज के लोगों पर 11 वीं सदी में महमूद गजनवी ने हमला किया था और करीब 70 हज़ार की तादाद में रोमा समाज के लोगों को बंधक बनाकर यहां से ले जाया गया था. इसके बाद यूरोप के देशों में इनका विस्तार हुआ, जहां आज ये लोग रोमाओं के नाम से जाने जाते हैं. फ्रांस, जापान, स्वीडन, बगदाद व अरब देश में करीब दो करोड़ की संख्या में यह लोग रह रहे हैं.मंत्री असीम अरुण ने बताया कि महमूद गजनवी ने जब भारत पर हमला किया था, तो वह भारत से 70 हजार लोगों को बंधक बनाकर ले गया था. इसमें कुछ लोग कन्नौज के शामिल थे. 11 वीं सदी में सर्वाधिक पीड़ा सहकर बिखरे रोमा समुदाय का अब हर साल कन्नौज की धरती पर समागम होगा. भाजपा सांसद सुब्रत पाठक ने बताया कि कन्नौज की धरती से बंधक बनाकर विदेश ले जाए लोग भगवान राम को नहीं भूले, इसलिए उनकी यादे ताजा करने के लिए एक समारक बनाया जायेगा और हर साल कन्नौज की धरती में जन्मे रोमा समुदाय के लोग यहां आकर अपनी मातृभूमि से रूबरू होंगे.सरकार के द्वारा प्रोजेक्ट को मंजूरी देने के बाद कन्नौज जिला प्रशासन ने जीटी रोड के पर यूपीटी पास एक जगह चिन्हित की गई है. जहां पर इस स्मारक व पर्यटन स्थल को मनाया जाएगा और रोमाओं को इनसे जोड़ने की हर कोशिश की जाएगी.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|FIRST PUBLISHED : April 04, 2023, 19:35 IST
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